Sunday, November 6, 2011

प्रणाम! दुलारे युग की स्मृति में प्रियंका का विशेष अंक

हिन्दी पत्रकारिता के पितामह, प्रथम देव पुरूस्कार विजेता, लखनऊ की नवाबी मिट्टी में हिन्दी का विशाल वटवृक्ष लगाने वाले प्रखर साहित्यकार पं0 दुलारे लाल भार्गव की स्मृति में ‘प्रियंका’ ने फरवरी 1981 में उनके 82वें जन्म दिवस पर ‘स्मृति अंक’ का प्रकाशन किया था। इस विशेष अंक में मूर्धन्य साहित्यकारों के आलेख व संस्मरणों के अतिरिक्त कई कवितााएं भी छपी हैं। उसे जस का तस (चित्रों को छोड़कर) दिया जा रहा है।
यहां बताते चलें पं0 दुलारे लाल जी की ‘दुलारे दोहावली’ को श्री अयोध्या सिंह ‘हरिऔध’ जी के ‘प्रिय प्रवास’ की टक्कर में देव पुरूस्कार प्राप्त हुआ था, डाॅ0 राम कुमार वर्मा व श्रीनाथ सिंह के लेखों में उनके द्वारा किये गये आधुनिक हिन्दी के सृजन, प्रकाशन, विस्तार को ‘दुलारे युग’ माना है। ऐसा उस समय मंे ‘निराला, पंत’ सहित सैकड़ों ख्यातिनाओं ने स्वीकार किया है।
नई पीढ़ी को ‘दुलारे युग’ से परिचित कराने के लिए व शोधार्थियों के लिए ‘प्रियंका’ के ‘स्मृति अंक’ को यहां दिया जा रहा है।
राम प्रकाश वरमा
सम्पादक, प्रियंका हिन्दी पाक्षिक

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