Wednesday, August 7, 2013

पेट्रोल-डीजल का काला धंधा

आगरा। आगरा-मथुरा हाईवे पर कोठरियों में अवैध पेट्रोल पम्प चल रहे हैं। रिफायनरी से निकलने के बाद टैंकर सड़क किनारे जगह-जगह पेट्रोल-डीजल बेचते हैं। चार और दोपहिया वाहनों को देने के साथ पेट्रोल-डीजल से भरे ड्रम बाहर भी सप्लाई किये जाते हैं। खतरे का यह खेल कभी भी हादसे की वजह से मुसीबत बन सकता है। सुबह से रात तक तेल लेने वालों की लाइन लगी रहती है। इसकी भनक रिफाइनरी में भी कइयों को हैं। पुलिस के आला अधिकारियों द्वारा की गई छापा कार्रवाई के बाद कुछ समय के लिए यह कारोबार बंद हो जाता है, लेकिन फिर धड़ल्ले से चलने लगता है।
    रिफाइनरी से हर रोज दर्जनों टैंकर तेल लेकर निकलते हैं। मापतौल कर भरा जाने वाला पेट्रोल-डीजल पम्पों तक पहुंचते-पहुंचते सैकड़ों लीटर कम हो जाता है। यह तेल आगरा-मथुरा हाइवे के किनारे बने मिनी पेट्रोल पम्पों पर बेच दिया जाता है। सड़क किनारे झाडि़यों के पीछे बनी कोठरियों के पास टैंकर रूकता है। इससे पहले गुर्गे ड्रम लेकर तैयार हो जाते हैं।
    चालक-क्लीनर आनन-फानन में पाइप खोलते हैं और तेल निकालना शुरू कर देते हैं। पन्द्रह मिनट के अंदर तेल निकालने के बाद टैंकर गंतव्य को रवाना हो जाते हैं। इस तरह तेल का काला द्दंद्दा हाइवे पर एक जगह नहीं, कई जगह चल रहा है। काले धंधे की पहचान के लिए अड्डे के बाहर खाली ड्रम रख दिए जाते हैं। यह संकेतक का काम करते हैं कि यहां चोरी का ईंधन बिकता है। यह सारा खेल पुलिस के संरक्षण में ही चल रहा है। पुलिस को हर महीने मोटी रकम पहुंचती है, इस वजह से खाकी सब कुछ जानते हुए भी आंखों पर पट्टी बांधे रहती है। इन मिनी पम्पों पर दस से पन्द्रह गुगें हर समय मौजूद रहते हैं। वह लाठी-डंडोे के साथ हथियारों से लैस रहते हैं। कोठरियांें मे चल रहे पम्पों पर सुबह से रात तक पेट्रोल-डीजल लेने वाले दोपहिया और चार पहिया वाहनों की लाइन लगी रहती है। यही नहीं टैªक्टर भी डीजल लेने के लिए आते रहते हैं। वह टंकी फुल कराने के साथ कैन भी भरवाकर ले जाते हैं। कोठरी में पेट्रोल-डीजल के दस से पन्दह ड्रम हर समय भरे हुए रहते है। इसके साथ ही जमीन में पक्के टैंक भी बनवा रखे हैं। पम्पों पर मिलने वाले रेट से पांच-छह रूपये कम में तेल यहां बेचा जा रहा है। फरहा-सिकंदरा क्षेत्र में रहने वाले लोग पेट्रोल पम्पों पर तेल लेने के लिए नहीं दौड़ते। सस्ता मिलने के साथ नजदीक होने के कारण वह इन ठिकानों से ईंधन लेना ही उचित समझते हैं। रोजाना आते-जाते उनकी पहचान भी बढ़ गई होती है।
    लोगों का कहना है कि हाइवे पर अद्दिकांश पम्प रात को बंद हो जाते हैं लेकिन यहां कभी भी जाओ तो तेल मिल जाता है। आसपास के लोगों को इस गोरखधंधे के बारे में सब कुछ जानकारी है पर कोई मुंह खोलने को तैयार नहीं होता।

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