Wednesday, August 7, 2013

दूध, फल और सब्जी में जहर!

नई दिल्ली। दूध और फल लोगों के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होते जा रहे हैं। साग-सब्जी भी रासायनिक पदार्थाें की गिरफ्त में है। स्वास्थ्य मंत्रालय की पिछले दिनों आई रिपोर्ट बताती है कि उप्र में बिकने वाला 50 फीसदी दूध मिलावटी होता है और दस फीसदी फल रासायनयुक्त।
    मिलावट को रोकने के लिए कड़े कानून भी हैं, लेकिन जान से खिलवाड़ का गोरखधंधा जारी है। स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक वर्ष 2009 से इस वर्ष नवंबर तक फल के 523 नमूने लिए गए, जिसमें से 49 नमूने निर्धारित मानकों के अनुरूप नहीं पाए गए, जबकि 46 मामलों में फलों को रसायनों के माध्यमों से पकाए जाने का पता चला। बताते चलें कि खाद्य सुरक्षा व मानक (बिक्री संबंधी प्रतिषेध व प्रतिबंध), विनियम, 2011 के खंड 2/3/5 में वैसे फलों की बिक्री को प्रतिबंधित किया गया है, जिसको कार्बाइड से पकाया गया हो। मंत्रालय के मुताबिक पकड़ में आए मामलों में 48 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया तथा दो को कारावास की सजा दी गई। वैसे कार्बाइड के प्रयोग में गुजरात सबसे आगे हैं। अकेले गुजरात में तीन सालों में 2000 कुंटल कार्बाइड पकड़ में आया। इसी तरह वर्ष 2009 से नवंबर तक उप्र में दूध के 7889 नमूने एकत्रित किया गए, जिसमें से 3448 नमूने निर्धारित मानकों के अनुरूप नहीं पाए गए तथा 45 मामलों में हानिकारक रसायनों के अवशेष पाए गए, यूरिया और अन्य रासायनिक पदार्थ लीवर को कमजोर करते हैं। मंत्रालय के आंकड़ों के मुतबिक दूध में रासायनिक पदार्थांे के मिलावट के मामले में कुल 126 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया तथा 183 व्यक्तियों को कारावास की सजा दी गई तथा
54.12 लाख का जुर्माना लगाया गया। मिलावट से सब्जियां भी अछूती नहीं हैं। सब्जियों के भी 687 नमूने निर्धारित मानकों के अनुरूप नहीं पाए गए। बताते चलें कि इन दो मामलों में सात व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया।

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