Monday, March 31, 2014

शिंगार बिंदी बेचती हैं सीता!

मंुबई। सीता के लापता हो जाने या अपह्रत हो जाने या त्यागे जाने की कथा समग्र विश्व जानता है, लेकिन रामानन्द सागर की रामकथा में सीता का अभिनय करने वाली दीपिका चिखलिया को बाॅलीवुड और आस्थावान क्यों भूल गये? वह भी तब जब बुद्धू बक्सा, बुद्धि बक्सा होता जा रहा है। सास-बहू से लेकर महाभारत, रामायण का धमाल एनीमेटेड व कार्टून तक में देखने को मिल रहा है।
    रामानन्द सागर की रामायण की सीता के पैरों पर फूल चढ़ाने वाले भक्तों की बड़ी संख्या बुढ़ापे के दौर से गुजर रही है, फिर भी सीता (दीपिका) की याद जस की तस है। आज सीता अपने टिप्स एण्ड ट्वायस कास्मेटिक्स के व्यवसाय व अपनी बेटियों जूही व निधि की परवरिश में व्यस्त हैं। उनकी एक बेटी काॅलेज में व दूसरी दसवीं कक्षा की छात्र हैं। उनका कहना है कि अब उनकी बेटियां बड़ी हो गईं हैं और अपना ख्याल रख सकती हैं तो बाॅलीवुड में वापसी की जा सकती है। पिछले दिनों उन्हें निर्माताओं ने वापसी के लिए प्रेरित भी किया है। वे सास-बहू या किसी भी धार्मिक चरित्र को निभाने में सक्षम है बशर्तें वह जनसामान्य से जुड़ाव रखनेवाला हो। वैसे भी यह दौर पुरानी अभिनेत्रियों की वापसी का है।
    दीपिका ने जब सीता का अभिन्य स्वीकारा था तब वे महज 18 साल की थीं और उन्हें स्टारडम का लाभ भी मिला। इसी वजह से भारतीय जनता पार्टी ने उन्हंे बड़ोदरा से लोकसभा का चुनाव लड़ाया। वे अपनी सीता की छवि का लाभ पाकर सांसद हुई। इसी बची उनकी शादी हेमंत टोपीवाला से हो गई जो शिंगार बिन्दी व टिप्स एण्ड ट्वायस काॅस्मेटिक्स के स्वामी हैं। विवाह के बाद उन्होंेने अपने को आदर्श पत्नी के रूप में ढाल लिया। इसके लिए वे अपने सीता के रोल को श्रेय देती हैं। आज उनका पूरा समय आदर्श गृहिणी की तरह गुजरता है। वे प्रातः योगा करने के अपनी बच्चियों को स्कूल भेजने, नाश्ता बनाने से दिन की शुरूआत करती हंै। दस बजे सुबह से शाम पांच बजे तक अपने पति की फर्म में जी लगाकर काम करती हैं।
    ‘रामायण’ सीरियल शुरू होते ही ‘मंगल भवन अमंगल हारी’ की गूंज मानो कफ्र्यू की घोषणा होती। शहर-गांव-कस्बे की सड़कें, गलियां सांय-सांय करने लगतीं, यातायात थम सा जाता था। कुछ विद्धानों ने ‘रामकथा’ के इस आधुनिक रूप में साम्प्रदायिकता को भी तलाशने की कोशिशें की थी, लेकिन वे अपने ही गरम शब्दांगारों से झुलसे गये। लोकप्रियता के तमाम पायदानों को पार कर ‘रामायण’ के पात्र सचमुच भगवान का दर्जा पा गये थे। राम-सीता (अरूण गोविल-दीपिका चिखलिया) की जोड़ी की सर्वत्र पूजा होती थी। उनकी इसी छवि ने उन्हें दूसरे चरित्र में स्वीकार भी नहीं किया। आज नई पीढ़ी के सामने दीपिका को खास परेशानी नहीं होगी। बहरहाल सीता (दीपिका) की वापसी शायद जल्द ही टीवी के पर्दे पर होगी।

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