Monday, March 31, 2014

पचास हजार करोड़ का सट्टा!

लखनऊ। सट्टा बाजार में इन दिनों आईसीसी वल्र्डकप टी-20 पर खूब दांव लग रहे हैं, लेकिन बनारस से नरेन्द्र मोदी, आजमगढ़ से सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव व लखनऊ से राजनाथ सिंह के लोकसभा-2014 के चुनाव लड़ने का एलान होते ही सटोरिये उत्तर प्रदेश की सीटों पर रेट तय करने लग गये हैं। सट्टा खिलाडि़यों के सूत्रों के अनुसार अकेले उप्र में 50 हजार करोड़ का सट्टा लगने के आसार हैं। इतनी बड़ी रकम सिर्फ पूर्वांचल की सीटों के दिलचस्प मुकाबले को देखते हुए सट्टा बाजार में लगाई जाएगी।
    सटोरियों का अनुमान है कि नरेन्द्र मोदी के बनारस से लड़ने पर पूर्वांचल और बिहार की 72 सीटों पर हेरफेर हो सकता है। सपा का गढ़ माना जाता है पूर्वांचल, वहां की आजमगढ़ सीट मुलायम सिंह के खाते में अभी से मानकर सट्टेबाजों की ऊँचे रेट पर बोली लग रही है। सटोरियों का अनुमान है मोदी बनाम मुलायम में सपा कतई कमजोर नहीं पड़ सकती। पूर्वांचल की 32 सीटों में 12 सपा के खाते में 10 भाजपा 7 कांग्रेस के खाते में जाने के अनुमान लगाकर सटोरिये पैसा लगा रहे हैं। इसके पीछे उनका वजनदार तर्क है गोरखपुर में गोरखनाथ व बनारस में विश्वनाथ धाम होने के बाद भाजपा कोई खास प्रदर्शन नहीं कर पाती फिर अकेले मोदी सबको धकेल कर पूर्वांचल से 20-25 सीटें नहीं ला सकते, तो भी सटोरियों के सूत्रों का कहना है कि पहले, दूसरे चरण के मतदान के बाद बाजार के भाव और समीकरण बदलेंगे। सटोरियों का आकलन है कि प्रधानमंत्री पद नरेन्द्र मोदी के हिस्से में जाएगा, क्योंकि भाजपा 200 सीटें लाएगी। अन्य दलों के समर्थन से उसकी सरकार बन सकती है। वहीं लखनऊ में राजनाथ सिंह व रीता बहुगुणां पर डबल रेट तय किया जा रहा है। मुलायम सिंह की जीत दोनों सीटों पर मजबूत मानकर खासा पैसा लगने की उम्मीद जता रहे हैं सटोरिये। जया प्रदा, हेमा मालिनी,-जयंत चैधरी, श्री प्रकाश जायसवाल-डाॅ0 जोशी, वरूण गांधी-अमिता, नगमा, वी0के0 सिंह-राजबब्बर जैसे बड़े नामों पर खासा पैसा लगाये जाने से सट्टाबाजार की चमक बढ़ रही दिखती है।
    देशभर के सट्टेबाज उप्र की ओर निगाहें जमाए हैं। उनका आकलन है कि उप्र की 80 सीटों में अकेले भाजपा के खाते में 25-30 सीटें जा सकती हैं। सपा, बसपा 20-22, कांग्रेस 10-15 सीटें पा सकती हैं। ‘आप’ या अन्य पार्टियों में सटोरियेां की कोई दिलचस्पी नहीं है। सटोरियों का मानना है कि वोटों का ध्रुवीकरण हालात बदल भी सकता है। लाॅटरी के दौर में एक सट्टेबाज हजरतगंज में खासे जाने जाते थे, उनका कहना है, अभी रेट तीन-चार गुना नहीं हो सकता। अप्रैल के आखिरी व मई के पहले हफ्ते में भाजपा, कांग्रेस व तीसरा मोर्चा के प्रदर्शन को देखते हुए ही भाव चढ़ेगा। वैसे तीसरा मोर्चा सबसे पीछे चल रहा है। अनुभव बताते हैं कि सट्टा लगाने वाले कांग्रेस को कभी कम करके नहीं देखते, वहीं नए खिलाड़ी भाजपा पर दांव लगाने को लेकर बेहद उत्साह में हैं, लेकिन यह सारी हलचल बेहद पोशीदा है।

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