Monday, March 31, 2014

ज्योतिष की ओपीडी में आईलवयू...!

लखनऊ। पंडित जी मेरा ‘लिव इन ...’ पिछले छः महीने से न आया है, न ही मेरा फोन उठाता है! महाराज मेरा प्रेम एक इंजीनियर लड़के से है, क्या उससे विवाह हो सकेगा? गुरूजी मेरी बेटी गैर बिरादरी के लड़के से प्यार करती है, शादी करना ठीक होगा? गुरूदेव मेरा प्रेम सफल होगा या मेरी नौकरी कब तक लगेगी जैसे सवालों से पत्र-पत्रिकाओं के भविष्य चर्चा वाले पन्नों का भरा रहना या टीवी चैनलों पर ज्योतिष कार्यक्रम में इन्हीं सवालों का बोलबाला आम है। ज्योतिषीय वेबसाइटों पर भी प्रेमी जोड़े ‘आई लव यू... मी टू’ के फलीभूत होनेे पर अटके दिखाई देते हैं। राजधानी लखनऊ की गलियों, बहुमंजिले बाजारों में खुले ज्योतिषियों की ओपीडी में प्रेमरोग से पीडि़तों की भीड़ लगातार बढ़ती जा रही है। कई ज्योतिषियों ने तो अपनी ओपीडी को बेहद आधुनिक बना रखा है। कम्प्यूटर, एलईडी बड़े पर्देवाली, फोन, वाद्ययंत्र, ग्रह/कुण्डली चक्र के साथ फर्राटेदार अंग्रेजी बोलने वाली लड़कियों का दल, चमकते दमकते रत्नों, मालाओं की भव्यता ज्योतिषी महोदय के विद्वता-व्यापार को आकर्षक बनाते हैं। इन ज्योतिषाचार्याें या गुरूओं की सलाह को अक्षरशः पालन करनेवाले युवक-युवतियों के हाथों में पकड़े स्मार्ट फोन वाली कलाई पर बंधा लाल-पीला मोटा सा कलावा (रक्षासूत्र) इसका गवाह बन रहा है।
    कई तो बुधवार को गाय को पालक, गुरूवार को चने की दाल खिलाते या केले के पेड़ की पूजा करते दिख जाएंगे। शनि मंदिरों में व पीपल के पेड़ के नीचे दीपक जलाते बढ़ती भीड़ और स्फटिक, रूद्राक्ष व मोती, मूंगे की माला पहने या मंहंगे रत्नों जड़ी अंगूठियां पहने युवक-युवतियों की बड़ी जमात ज्योतिषीय सलाहों पर बेहद गम्भीर दिखाई देती है। कम्प्यूटर से कुंडली बनाकर प्रेमी जोड़े प्रेम की सफलता, विवाह के योग, भविष्यफल, रोजी-रोजगार और भाग्य लक्ष्मी या कुबेर प्राप्ति की संभावनाएं या राजयोग जैसे तमाम मसलों पर सैकड़ों टोटके बताने वाली ज्योतिषीय ओपीडी में कहीं मोटी फीस वसूली जाती है, तो कहीं बिल्कुल मुफ्त सलाह दी जाती है। दोनों ही जगहों पर रत्न, अंगूठी, माला, यंत्र, पूजन सामग्री व पूजा में उपयोग आने वाले बर्तन, हवन कुंड तक बेचे जा रहे हैं। इसमें ग्राहक की सुविधानुसार किराये पर भी कई वस्तुएं या डिस्काउन्ट उपलब्द्द है।
    ऐसा नहीं है कि केवल आईलवयू... के ही पीडि़त ज्योतिषीय ओपीडी में भीड़ बन रहे हैं, बल्कि गंभीर बीमारियों से ग्रस्त, संतानहीन, अवसादग्रस्त, छात्र-छात्राएं व नेतागण भी अपनी ग्रहदशा जानने के लिए आ रहे हैं। इस तरह की ओपीडी बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय में भी पिछले सालों में खोली जा चुकी है। वहां भी खासे पीडि़त आते हैं। वैसे भी बनारस, इलाहाबाद, मथुरा, अयोध्या, कानपुर, कन्नौज में ज्योतिषियों की भरमार है। लखनऊ के एक प्रसिद्ध गुरूजी के अनुसार 31 मार्च, 2014 से शुरू हो गये नवसंवत् 2071 (प्लवंग संवत्सर) के स्वामी ब्रह्मा और राजा व मंत्री दोनों ही चन्द्र हैं।
    ब्रह्मा जी को मानव की उत्पति का श्रेय है अर्थात जनसंख्या वृद्धि का कारक और चंद्रमा रोमांस का, प्रेम का कारक ग्रह है, इसलिए इस वर्ष मंगल कार्य, सुख-शांति व प्रेम व्यवहार अधिक दिखाई देगा।
    मंगलमय और समृद्धिशील जीवन के सपने बेचने वाले देश में ही नहीं विदेशों तक पांव पसारे हैं। इन महानुभावों के पास लैपटाॅप से लेकर गंगाजल तक शुद्ध है, तो शहद, गोरस, गोमूत्र, पंचनद जल, अभिमंत्रित जल, श्मशानी भभूत, सिद्ध यंत्र, श्रीयंत्र और न जाने क्या-क्या है। इनका एस्ट्रोलाॅजी एण्ड स्प्रीचुअल साइंस का चमत्कार शुद्ध उच्चारण न कर पाने के बावजूद सफल है। एक ज्योतिषी/ वास्तुशास्त्री विदेशों तक अपना कारोबार फैलाये हैं, लेकिन बोलने में बेतरह हकलाते हैं, फिर भी देश में उनकी फीस पांच हजार और विदेश में पचास हजार अन्य सुविधाओं के साथ है। हालात इतने अधिक संवेदन आस्था की चपेट में हैं कि अक्षय तृतीया, धनतेरस, एकादशी व पूर्णिमा के दिन भी खरीद बिक्री का शुभ मुहूर्त निकाला जाने लगा है। ऐसे ही प्रेमी जोड़े मन्दिर दर्शन से लेकर शादी की तारीखें 5, 7, 9, 11, 21, 29 को शुभ मानकर ज्योतिषियों/कर्मकांडियों से जिद करते हैं। बहरहाल होलाष्टक के बाद 14 मार्च से खरमास चल रहे हैं जो 15 अप्रैल को समाप्त होंगे। इस एक महीने में शादी-विवाह नहीं हो सकते, फिर भी 14, 15 मार्च को ढेरों शादियां हुईं थीं। 16 अप्रैल से पुनः विवाह शुरू होंगे। लेकिन इसी दौरान लोकसभा चुनाव भी होंगे और चुनाव आचार संहिता का ग्रहण भी लोगों को खासा परेशान करेगा। लोग नकद रकम, कारें, हाथी, घोड़ा, बैंडबाजा, लाउडस्पीकर आदि के लिए पूर्व अनुमति लेने को बाध्य होंगे। 8 जुलाई से हरिशयन दोष लग जायेगा। 25 नवम्बर से पुनः शुभलग्न शुरू होंगे। इसी शुभ के बीच फंसा है आई लव यू!
शुभ विवाह मुहूर्त
अप्रैल 16, 17, 18, 19, 20, 21, 22, 26, 27
मई 1, 2, 7, 8, 10, 11, 13, 15, 17, 19, 23, 24, 25, 29, 30
जून 4, 6, 7, 8, 9, 10, 11, 12, 13, 14, 15, 19, 20, 21, 24, 25, 26
जुलाई 1, 2, 3, 4, 5 के बाद हरिशयन दोष है
नवंबर 25, 26, 30
दिसंबर 1, 5, 6, 7, 12, 14, 15, 16

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