Tuesday, November 6, 2012

मारीशस की अभिनेत्री का अपने मायके में स्वागत

हमारे देश में अतिथियों को देवता की संज्ञा दी गयी है। ऐसी ही एक अतिथि बीते दिनों मारीशस से चल कर सोनाचंल स्थित राजा बलदेन दास बिड़ला इण्टर कालेज सलखन प्रांगण में जब पहुची तो उनकी अगवानी व स्वागत में सम्पूर्ण विद्यालय परिवार उमड़ पड़ा। बताते चलंे कि मारीशस की सुप्रसिद्ध भोजपुरी गायिका व अभिनेत्री हौसिला देवी रिसोल इन दिनों भारत की यात्रा पर आयी हुई हंै। बीते दिनों भोजपुरी संस्कष्ति शोध समिति के अध्यक्ष दीपक कुमार केशरवानी के विशेष बुलावे पर श्रीमती रिसोल एक दिन के लिए सोनांचल भी पधारी थी। उसी दौरान प्रधानाचार्य हरिशंकर शुक्ला के नेतष्त्व में विद्यालय परिवार की ओर से उनका जोरदार स्वागत व अभिनन्दन किया गया। छात्र-छात्राओं के आत्मीय स्नेह व स्वागत से अभिभूत सिने तारिका व भोजपुरी गायिका होसिला रिसोल अपने की रोक नही सकी और मंच से उठकर छात्राओं की टोली में जाकर पष्थ्वी माता की गोद में बैठ गयी। स्वागत व अभिनन्दन समारोह को बतौर मुख्य अतिथि अपने विचार व्यक्त करते हुये अभिनेत्री हौसिला देवी रिसोल ने कहा कि हमारे पूर्वज जब अंग्रेजो के बहकावे में आकर कलकत्ता से पानी के जहाज से मारीशस पहुचे तो अपने साथ एक लोटा, तुलसी का पौधा एवं भोजपुरी भाषा ले गये। वहां पहुचने पर दुख दर्द सहते हुये दिनभर कड़ी मेहनत के बाद रात को लोटा बजाकर भोजपुरी गीत गाते थे। धीरे-धीरे इसका असर वहां पर बसे ईसाईयों पर हुआ। श्रीमती रिसोल के अनुसार आज जब मारीशस स्वंस्त्र है और भोजपुरी भाषा को राजभाषा का दर्जा मिल चुका है बावजूद इसके यहां पर हर घर में भारतीयता की झलक दिखलाई देती है और मारीशस  क लोगन कअ यही नारा बा- ‘‘हमार गांव, हमार देश भारत नाहि हव परदेश’’ इस मौके पर श्रीमती रिसोल को सम्मान स्वरूप पुष्पहार, परमहंस आश्रम सक्तेशगढ़ के स्वामी अडगड़ानंद द्वारा रचित भजन किसका करे व श्रीमद् भगवत् गीता की टीका यर्थाथ गीता के साथ स्मष्ति चिन्ह भेटकर विद्यालय के प्रधानाचार्य हरिशंकर शुक्ला द्वारा सम्मानित किया गया। समारोह में प्रख्यात भोजपुरी कवि पं0 हरिराम द्विवेदी द्वारा काव्य पाठ एवं संगीतकार सरदार दयासिंह द्वारा माउथहार्गन पर ‘कौन दिशा में लेके चलारे बटोहिया’ (भोजपुरी धुन) व आओ बच्चो तुम्हंे दिखायकृ (देशभक्ति गीत) सुनाकर वाहवाही बटोरी। स्कूल की छात्र-छात्राओं ने गीत, भजन प्रस्तुत किया रिसोल छात्र छात्राओं के साथ पड़े की छांव में बैठकर अपनी गांव गाजीपुर की याद ताजा किया। कार्यक्रम में भोजपुरी माता की जय का नारा से सारा वातावरण गंूज उठा।
   प्रगतिशील लेखक संघ के अध्यक्ष मिथिलेश द्विवेदी ने कहा कि ‘आज हमारी गाजीपुर की बेटी लघु भारत के रूप में विकसित मारिशस की धरती पर रहते हुये भोजपुरी गीतो की खुशबू देश-विदेश में बिखेर रही हंै और भोजपुरी भाषा की सेवा करते हुये ‘‘गंगा माता’’ को साफ व स्वच्छ बनाने हेतु भारत में अभियान चला रखा है।
    वरिष्ठ पत्रकार व कैमूर टाइम्स पत्रिका के संपादक विजय शंकर चतुर्वेदी ने अपना विचार व्यक्त करते हुये कहा कि हौसिला जी का अपनी सरजमी पर हमे स्वागत करते हुये हर्ष हो रहा कि ये भोजपुरी भाषा को मारिशस में राजभाषा का दर्जा दिलाने के लिए संघर्ष की और इन्हें सफलता भी मिली। इस प्रकार इन्होनें अपने पुरखों की भूमि उ0प्र0 के गाजीपुर की मिट्टी का कर्ज अदा किया क्योंकि इनका बचपन इसी स्थान पर पेड़ो के झुरमुटो के छांव में खेलते कूदते बीता है। भोजपुरी संस्कष्ति शोध समिति के अध्यक्ष व सोनघाटी पत्रिका के संपादक दीपक कुमार केसरवानी ने कहा कि हमे गर्व है कि जिन गिरमिटिया मजदूरांे को अंग्रेज मारिशस में गन्ने की खेती कराने के लिए ले गये थे वे भारतीय आज शासन कर रहे है और भारतीय संस्कष्ति को अक्षुण्य रखे हुये है। भोजपुरी भाषा, साहित्य सूर, तुलसी की रचनाओ का गायन इनकी नित्य की परम्परा है और मारीशस के लोगो ने विश्व पटल पर यह साबित कर दिया कि भारत हमारी जन्मभूमि, मारिशस हमारी कर्मभूमि है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व समाजसेवी राजेश द्विवेदी ने कहा कि सोनभद्र में भोजपुरी साहित्य के शोद्द की असीम संभावनाएं है और हम चाहते है कि रिसोल अपने सहयोगियों के माध्यम से इस क्षेत्र के प्रचलित लोकगीतों, कथाओ व कहानियों पर शोध कार्य करके सोनाचंल का मान बढ़ाये हम इस कार्य में तन मन धन से सहयोग करेंगे। अन्तर्राष्ट्रीय भोजपुरी सम्मेलन के कार्यकारिणी सदस्य, वरिष्ठ पत्रकार सुल्तान शहरयार खां व अभय भार्गव ने अपनी मारिशस यात्रा का संस्मरण सुनाते हुये कहा कि हमारी मुलाकात हौसिला देवी से वहां पर राष्ट्रपति भवन में हुई थी जहां भोजपुरी भाषा के विकास व आन्दोलन पर चर्चा हुई थी। कार्यक्रम में संतोष सिंह चन्देल, पत्रकार सनोज तिवारी, तष्त्पी केसरवानी, हर्षवर्धन, फिल्म निर्देशक दिलीप सोनकर, प्रबोध मिश्रा, विद्यालय के छात्र-छात्रा, अध्यापक, अभिभावकगण, स्थानीय नागरिक उपस्थित रहे।

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