Tuesday, November 6, 2012

सनातन ही है, शुभ

लखनऊ। 16 नवंबर से विवाह आदि शुभकार्य शुरू हो जाएंगे जो 11 दिसंबर तक जारी रहेंगे। इसके बाद धनु संक्रांति खरमास दोष है। इस बीच कुल 15 शुभ मुहुर्त हैं। नवंबर में दीपावली बाद 16, 17, 18, 23, 24, 29, 30 और दिसम्बर में 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11 तक ही विवाह संपन्न होंगे।
    इसी बीच तुलसी विवाह, हरि प्रबोद्दनी एकादशी व्रत, डाला छठ, कार्तिक स्नान व देव दीपावली पर्व होंगे। आजकल विवाहों और पर्वों पर पूजा पाठ व नियमों में काफी बदलाव आ गये हैं। जहां वैवाहिक कार्यक्रमों में वीडियों, फोटोग्राफी, डिस्को डांस और भारी भरकम साडि़यों/ड्रेसेस में सड़कों पर चलती बारात में नाचती युवतियों की मस्ती, वहीं कारों के काफिले और खाने के लम्बे-चैड़े दस्तरखान देखने को मिलते हैं। संस्कार और रस्मों-रिवाज, रिश्तों का दिखावा भर होता है। आठ घंठे के वैवाहिक कार्यक्रम में विवाह कार्यक्रमों को महज एक घंटे में निपटा लिया जाता है।
    पूजा पाठ में भी यही हाल है। वहां भी बदलाव की बयार ने काफी कुछ बदल डाला है। स्नान ध्यान और प्रणाम तो छोडि़ए अब आचमन और दीपदान से काम चल जाता है। बहुत हुआ तो अगरबत्ती जलाकर प्रसाद चढ़ाकर छुट्टी पा ली। अभी पितृपक्ष व नवरात्रि गये हैं। इनमें पितृपक्ष की परंपराओं का पालन करने वालों की संख्या बेहद कम दिखी। दुर्गा पूजा में पंडालों की सजावट भव्यता तो खूब थी लेकिन दर्शनार्थियों का रेला-मेला कहीं नहीं था। कहा पांच साल पहले तक राजधानी के लाटूशरोड, हीवेट रोड, गुरू गोविन्द सिंह मार्ग, हुसैनगंज में चलना मुश्किल था। यही हाल राम बारातों और रामलीलाओं का हो गया है।
    शायद यही कारण है कि एक भक्ति चैनल और कुछ आस्थावानों ने मिलकर निकट फरवरी में सनातन धर्म के गूढ़ ज्ञान की जानकारी देने के लिए भक्ति मेले के आयोजन की सोंची है। यह मेला लखनऊ में फरवरी तक संभावित है। इस मेले के जरिए युवाओं को धर्म का सत्य बताने के प्रयास होंगे। तिलक से वेद तक की व्याख्या का आनंद उठा सकेंगे श्रद्धालु। इसके अलावा सनातन ही शुभता का प्रतीक है का संदेश भी होगा यह मेला।

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