लखनऊ। यौनाचार और यौन पवित्रता पर बात करना भारतीय समाज अश्लीलता मानता आया है। आज जब यौन उदारता का माहौल टेलीविजन/सिनेमा के पर्दे से लेकर सार्वजनिक क्षेत्रों में दिखने लगा है, तब इससे जुड़ा बाजार खड़ा होना स्वाभाविक है। इसके साथ ही यौन सेहत के प्रति चिंतित होना भी लाजिमी है। यहीं मातृत्व के प्रति भयमिश्रित गंभीरता के साथ ‘नारी पवित्रता’ की सोंच का डर भी वाजिब है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन, यूनिसेफ, एआईटीआई, आईकोग-2016 समेत कई संस्थाओं की रिपोर्ट बताती हैं कि यौन समस्याओं को लेकर भारतीय बेहद चिंतित है। इसकी पुष्टि स्मार्टफोन के एप ‘लिबरेट’ के विशेषज्ञों ने एक साल में की गई 5 करोड़ बातचीत के आधार पर की है। इन रिपोर्टाें के अनुसार देश के चार महानगरों व बेंगलुरू में औसतन 32 फीसदी लोग यौन समस्याओं से पीडि़त हैं। इनमें 48 फीसदी पुरूष व 43 फीसदी महिलाएं हैं। 30 फीसदी विवाहित जोड़े अपने यौन संबंधों को लेकर असंतुष्ट हैं। इनमें 15 फीसदी से अधिक यौन संक्रमित हैं। 35 फीसदी पुरूष यौन इच्छा व शुक्राणुओं के उत्पादन में कमी से पीडि़त हैं। 40 फीसदी महिलाओं को प्राकृतिक रूप से गर्भधारण करने में दिक्कतें आ रही हैं। 59 फीसदी महिलाएं खून की कमी का शिकार हैं। 40 फीसदी से अधिक महिलाएं योनि संक्रमण से ग्रस्त हैं। यही वजह है गुप्तरोग विशेषज्ञों, शफाखानों व दवा बाजार के बेतहाशा बढ़ने के और इसका एक कारण खुला यौनाचार भी बताया जाता है।
टेलीविजन के पर्दे पर गर्भनिरोधक गोलियों, क्रीम व कंडोम के विज्ञापनों ने युवतियों को जहां बरगलाया है, वहीं यौन संबंधों को लेकर खुला विद्रोह करने वाले ‘कैंडल मार्च’ के साथ उच्च मध्यम वर्गीय समाज में ‘गर्ल फ्रेंड, ब्यायफ्रेंड’ व अपने शहर/कस्बे/गांव से दूर बड़े काॅलेजों में पढ़ने जाने के ‘स्टेटस’ ने भी काफी हद तक औरत की ‘पवित्रता’ को नष्ट किया है। इसके मातृत्व को संकट में डाला है। भले ही नारीवादी संगठन इस रोक-टोक को पुरूषवादी सोंच कहकर हल्ला मचायें। हालात यहां तक हैं कि युवतियां विवाह पूर्व यौनाचार गुनाह नहीं ‘ब्रेकफास्ट इंज्वाय’ मानती हैं। इसके साथ ही विवाह की पवित्रता का भय उन्हें ‘कौमार्य’ बरकरार रखने के लिए बाध्य करता है। इसके लिए वे सर्जरी का सहारा ले रहीं हैं, जो महज 20-25 मिनट में निपट जाती है। आॅपरेशन के बाद कौमार्य पूर्ववत हो जाता है। इसे शादीशुदा महिलाओं में भी देखा जाने लगा है। इतना ही नहीं हाल ही में एचआइवी संक्रमण से बचने के नाम पर एक सुपर कंडोम इजाद किया गया है।
जानकारी के मुताबिक टेक्सास के ए एण्ड एम यूनिवर्सिटी की प्रोफेसर महुआ चैधरी और उनकी टीम ने इस नाॅन-लैटेक्स कंडोम का विकास किया है। इस कंडोम को इलास्टिक पोलिमर से बनाया गया है जिसे हाइड्रोजेल कहा जाता है। इसमें पौधों से लिए गए एंडीआॅक्सिडेंट को शामिल किया गया है। इस एंटीआॅक्सिडंेट में एचआईवी से लड़ने का विशेष गुण होता है, जो कंडोम फट जाने पर भी एचआईवी वायरस को मार देता है। यह केवल कंडोम नहीं है बल्कि एचआईवी संक्रमण के रोकथाम की दिशा में एक क्रांति साबित हो सकता है।
यहां बताते चलें कि पुरूष/महिला कंडोम, गर्भ निरोधक गोलियां, लैटेक्स कैप्स, इंजेक्शन, आइयूएस, आइयूडी जैसे उत्पाद पहले से ही चलन में हैं, जो गर्भधारण करने की रोकथाम में सक्षम हैं। बावजूद इसके 25-29 वर्षीय युवतियों के गर्भधारण करने का औसत 47 फीसदी शहरों में व 43 फीसदी गांवों में है। वहीं 20-24 वर्षीय युवतियों में 53 फीसदी के आस-पास है। यह आंकड़े सामान्य जन्म दर (जीएफआर) पर आधारित हैं। जबकि आये दिन गर्भपात से लेकर कचरों तक में भू्रण से लेकर नवजात बच्चों तक के पाये जाने की खबरें आती रहती हैं।
सूबे में मातृत्व सप्ताह के दौरान करीब 14 लाख गर्भवती महिलाओं में एक लाख हाई रिस्क गर्भवती महिलाएं मिली हैं, इनका सुरक्षित प्रसव कराना भी बड़ी चुनौती है। इसी तरह हाल ही में 25 साल से 35 साल की शादी शुदा महिलाओं के बीच कई शहरों में किए गए एक सर्वे में यह बात सामने आई है कि 93 प्रतिशत महिलाएं सबसे अच्छी, निजी साफ सफाई के तरीके नहीं अपनाती हैं। सर्वे में शामिल हर दूसरी महिला निजी साफ सफाई और उससे जुड़ी दिक्कतों की जानकारी अपने पति से साझा नहीं करतीं। इनमें ज्यादतर इन परेशानियों से निजात पाने के लिए इंटरनेट का सहारा लेती है।
सर्वे में दिल्ली, मुंबई और बेंगलुरू से शामिल हुई लगभग 1500 महिलाओं में से 40 प्रतिशत योनि संक्रमण से ग्रस्त थीं पर इनमें से 60 प्रतिशत को लगता है कि इसके लिए मेडिकल चेक-अप की कोई जरूरत नहीं है। सर्वे में भाग लेने वाली मुबंई की 90 प्रतिशत महिलाओं ने बताया कि उनकी रोज की जिंदगी योनि संबंधित दिक्कतें, जैसे- सूखापन और जलन से बुरी तरह प्रभावित है। जवाब देने वाली हर चैथी महिला ने बताया कि इस दिक्कत की वजह से उन्हें बहुत परेशानियों का सामना करना पड़ाता है।
10 में से चार का वजेंटिस नाम की बीमारी की से भी पाला पड़ा है। इस बीमारी में योनि में बहुत तेज जलन होती है। ऐसे मामले मुंबई में सबसे ज्यादा 44 प्रतिशत, फिर दिल्ली में 42 प्रतिशत और बेंगलुरु में 36 प्रतिशत हैं। बड़े शहरों में रहने वाली 25 प्रतिशत महिलाएं असामान्य प्रवाह की समस्या से ग्रस्त हैं। ऐसा इनके साथ महीने में एक बार होता है।
दैहिक आनंद या शोषण!
मुंबई। फिल्मी सितारों में लिव-इन-रिलेशन आम चलन है। रोज किसी न किसी सितारे का किस्सा अखबारों की सुर्खियां पाता है। अभी हाल ही में कंगना-हिृतिक को लेकर काफी हंगामा मचा था, तब कंगना ने ‘सिली एक्स पार्टनर’ पर खूब तंज कसे।
सलमान खान के साथ रोज किसी न किसी अभिनेत्री का चटखारेदार किस्सा सोशल मीडिया पर रहता है। विराट कोहली-अनुष्का शर्मा, रणवीर कपूर-कैटरीना कैफ/दीपिका पादुकोण, विपाशा बसु-जाॅन अब्राहम/डीनो मारियो, जैकलीन फर्नाडीस-साजिद के ताजा ब्रेकअप की खबरों के साथ कछ पुराने पन्ने पलट लेते हैं, जिनमें बाकायद बलात्कार के मुकदमे लिखाये गये।
ताजा मामला प्रीति जिन्टा और नेस वाडिया का है, जिसमें प्रीति ने पुलिस में यौन हिंसा की शिकायत दर्ज कराई थी। सर्वाधिक हल्ला-गुल्ला तब मचा था जब टीवी एंकर/अभिनेत्री/माॅडल प्रीति जैने ने निर्माता-निर्देशक मधुकर भंडारकर पर बलात्कार की शिकायत पुलिस में दर्ज कराई थी। इसके अलावा छेड़छाड़ और दैहिक सुख की मांग के आरोप तो सोनाली बेन्द्रे, ममता कुलकर्णी, सुष्मिता सेन, मनीषा कोइराला, महिमा चैधरी, युक्तामुखी सहित पाॅप गायिक अलीशा चिनाय तक ने लगाये थे। गायक अंकित तिवारी के खिलाफ भी बलात्कार की शिकायत पुलिस में दर्ज है। और तो और सोनू निगम जैसे गायक ने अपने यौन शोषण के प्रयास का स्वयं खुलासा किया था। फिल्मी दुनिया में दैहिक आनंद और शोषण के किस्से आम हैं।
एजेन्ट आॅफ इश्क
अभी-अभी गुजरे ‘वेलेंटाइन डे’ के दिन मुंबई के रूइया काॅलेज में ‘एजेन्ट आॅफ इश्क’ वीडियों को युवाओं ने मजे लेकर देखा। यह वीडियो मंुबई के पारोदेवी पिक्चर्स का है, इसमें काम-कला-शिक्षा पर डिजिटल दृश्य हैं। मशहूर ‘कंडोम मुन्ना’ का गाना भी है। चुंबन, अंतरंग संबंधों से लेकर सेक्स की तमाम बारीकियों पर चर्चा की गई है। यह ट्विटर पर भी चर्चित रहा है। हालांकि इसे ‘रोज डे’ का वीडियों कहा गया। इस वीडियों की निर्मात पारोदेवी के मुताबिक, ‘यह एक नार्मल सेक्स के बारे शिक्षित करने का प्रयास भर है।’
हाॅट एण्ड सेक्सी
आज युवतियां सेक्सी या क्यूट कम्पटीशन में भाग लेने के साथ-साथ शादी-विवाह के बाजार में ‘परफैक्ट वेडिंग मैटीरियल’ की तरह पेश की जा रही हैं। उनमें कपड़े, जेवरात, फैशन, मेकअप के साथ हाॅट एण्ड सेक्सी के लेबल के प्रति ललक पैदा की जा रही है। इसमें सबसे गरम भूमिका सोशल मीडिया निभा रहा है।
रोमांस को तरसते शादीशुदा
लखनऊ। देश में एक-चैथाई शादीशुदा दंपति एकांत में वक्त गुजारने को तरस रहे हैं। परिवार में इनके पास अपना अलग कमरा तक नहीं है। दूरदराज की बात तो छोडि़ये। लखनऊ में ही 20 फीसदी दंपति ऐसे हैं जिसके पास अपना अलग कमरा नहीं है। आवासीय स्थिति तथा सुख-सुविधाआंे के बारे में नेशनल सेम्पल सर्वे आर्गनाइजेशन यानी एनएसएसओ की रिपोर्ट के मुताबिक शहरी और ग्रामीण क्षेत्र में 75 फीसदी शादीशुदा दंपतियों के पास ही अपना कमरा है। रिपोर्ट के मुताबिक दंपतियों के लिए अलग कमरे की उपलब्धता परिवार के जीवन स्तर में बढ़ोतरी से जुड़ी हुई है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन, यूनिसेफ, एआईटीआई, आईकोग-2016 समेत कई संस्थाओं की रिपोर्ट बताती हैं कि यौन समस्याओं को लेकर भारतीय बेहद चिंतित है। इसकी पुष्टि स्मार्टफोन के एप ‘लिबरेट’ के विशेषज्ञों ने एक साल में की गई 5 करोड़ बातचीत के आधार पर की है। इन रिपोर्टाें के अनुसार देश के चार महानगरों व बेंगलुरू में औसतन 32 फीसदी लोग यौन समस्याओं से पीडि़त हैं। इनमें 48 फीसदी पुरूष व 43 फीसदी महिलाएं हैं। 30 फीसदी विवाहित जोड़े अपने यौन संबंधों को लेकर असंतुष्ट हैं। इनमें 15 फीसदी से अधिक यौन संक्रमित हैं। 35 फीसदी पुरूष यौन इच्छा व शुक्राणुओं के उत्पादन में कमी से पीडि़त हैं। 40 फीसदी महिलाओं को प्राकृतिक रूप से गर्भधारण करने में दिक्कतें आ रही हैं। 59 फीसदी महिलाएं खून की कमी का शिकार हैं। 40 फीसदी से अधिक महिलाएं योनि संक्रमण से ग्रस्त हैं। यही वजह है गुप्तरोग विशेषज्ञों, शफाखानों व दवा बाजार के बेतहाशा बढ़ने के और इसका एक कारण खुला यौनाचार भी बताया जाता है।
टेलीविजन के पर्दे पर गर्भनिरोधक गोलियों, क्रीम व कंडोम के विज्ञापनों ने युवतियों को जहां बरगलाया है, वहीं यौन संबंधों को लेकर खुला विद्रोह करने वाले ‘कैंडल मार्च’ के साथ उच्च मध्यम वर्गीय समाज में ‘गर्ल फ्रेंड, ब्यायफ्रेंड’ व अपने शहर/कस्बे/गांव से दूर बड़े काॅलेजों में पढ़ने जाने के ‘स्टेटस’ ने भी काफी हद तक औरत की ‘पवित्रता’ को नष्ट किया है। इसके मातृत्व को संकट में डाला है। भले ही नारीवादी संगठन इस रोक-टोक को पुरूषवादी सोंच कहकर हल्ला मचायें। हालात यहां तक हैं कि युवतियां विवाह पूर्व यौनाचार गुनाह नहीं ‘ब्रेकफास्ट इंज्वाय’ मानती हैं। इसके साथ ही विवाह की पवित्रता का भय उन्हें ‘कौमार्य’ बरकरार रखने के लिए बाध्य करता है। इसके लिए वे सर्जरी का सहारा ले रहीं हैं, जो महज 20-25 मिनट में निपट जाती है। आॅपरेशन के बाद कौमार्य पूर्ववत हो जाता है। इसे शादीशुदा महिलाओं में भी देखा जाने लगा है। इतना ही नहीं हाल ही में एचआइवी संक्रमण से बचने के नाम पर एक सुपर कंडोम इजाद किया गया है।
जानकारी के मुताबिक टेक्सास के ए एण्ड एम यूनिवर्सिटी की प्रोफेसर महुआ चैधरी और उनकी टीम ने इस नाॅन-लैटेक्स कंडोम का विकास किया है। इस कंडोम को इलास्टिक पोलिमर से बनाया गया है जिसे हाइड्रोजेल कहा जाता है। इसमें पौधों से लिए गए एंडीआॅक्सिडेंट को शामिल किया गया है। इस एंटीआॅक्सिडंेट में एचआईवी से लड़ने का विशेष गुण होता है, जो कंडोम फट जाने पर भी एचआईवी वायरस को मार देता है। यह केवल कंडोम नहीं है बल्कि एचआईवी संक्रमण के रोकथाम की दिशा में एक क्रांति साबित हो सकता है।
यहां बताते चलें कि पुरूष/महिला कंडोम, गर्भ निरोधक गोलियां, लैटेक्स कैप्स, इंजेक्शन, आइयूएस, आइयूडी जैसे उत्पाद पहले से ही चलन में हैं, जो गर्भधारण करने की रोकथाम में सक्षम हैं। बावजूद इसके 25-29 वर्षीय युवतियों के गर्भधारण करने का औसत 47 फीसदी शहरों में व 43 फीसदी गांवों में है। वहीं 20-24 वर्षीय युवतियों में 53 फीसदी के आस-पास है। यह आंकड़े सामान्य जन्म दर (जीएफआर) पर आधारित हैं। जबकि आये दिन गर्भपात से लेकर कचरों तक में भू्रण से लेकर नवजात बच्चों तक के पाये जाने की खबरें आती रहती हैं।
सूबे में मातृत्व सप्ताह के दौरान करीब 14 लाख गर्भवती महिलाओं में एक लाख हाई रिस्क गर्भवती महिलाएं मिली हैं, इनका सुरक्षित प्रसव कराना भी बड़ी चुनौती है। इसी तरह हाल ही में 25 साल से 35 साल की शादी शुदा महिलाओं के बीच कई शहरों में किए गए एक सर्वे में यह बात सामने आई है कि 93 प्रतिशत महिलाएं सबसे अच्छी, निजी साफ सफाई के तरीके नहीं अपनाती हैं। सर्वे में शामिल हर दूसरी महिला निजी साफ सफाई और उससे जुड़ी दिक्कतों की जानकारी अपने पति से साझा नहीं करतीं। इनमें ज्यादतर इन परेशानियों से निजात पाने के लिए इंटरनेट का सहारा लेती है।
सर्वे में दिल्ली, मुंबई और बेंगलुरू से शामिल हुई लगभग 1500 महिलाओं में से 40 प्रतिशत योनि संक्रमण से ग्रस्त थीं पर इनमें से 60 प्रतिशत को लगता है कि इसके लिए मेडिकल चेक-अप की कोई जरूरत नहीं है। सर्वे में भाग लेने वाली मुबंई की 90 प्रतिशत महिलाओं ने बताया कि उनकी रोज की जिंदगी योनि संबंधित दिक्कतें, जैसे- सूखापन और जलन से बुरी तरह प्रभावित है। जवाब देने वाली हर चैथी महिला ने बताया कि इस दिक्कत की वजह से उन्हें बहुत परेशानियों का सामना करना पड़ाता है।
10 में से चार का वजेंटिस नाम की बीमारी की से भी पाला पड़ा है। इस बीमारी में योनि में बहुत तेज जलन होती है। ऐसे मामले मुंबई में सबसे ज्यादा 44 प्रतिशत, फिर दिल्ली में 42 प्रतिशत और बेंगलुरु में 36 प्रतिशत हैं। बड़े शहरों में रहने वाली 25 प्रतिशत महिलाएं असामान्य प्रवाह की समस्या से ग्रस्त हैं। ऐसा इनके साथ महीने में एक बार होता है।
दैहिक आनंद या शोषण!
मुंबई। फिल्मी सितारों में लिव-इन-रिलेशन आम चलन है। रोज किसी न किसी सितारे का किस्सा अखबारों की सुर्खियां पाता है। अभी हाल ही में कंगना-हिृतिक को लेकर काफी हंगामा मचा था, तब कंगना ने ‘सिली एक्स पार्टनर’ पर खूब तंज कसे।
सलमान खान के साथ रोज किसी न किसी अभिनेत्री का चटखारेदार किस्सा सोशल मीडिया पर रहता है। विराट कोहली-अनुष्का शर्मा, रणवीर कपूर-कैटरीना कैफ/दीपिका पादुकोण, विपाशा बसु-जाॅन अब्राहम/डीनो मारियो, जैकलीन फर्नाडीस-साजिद के ताजा ब्रेकअप की खबरों के साथ कछ पुराने पन्ने पलट लेते हैं, जिनमें बाकायद बलात्कार के मुकदमे लिखाये गये।
ताजा मामला प्रीति जिन्टा और नेस वाडिया का है, जिसमें प्रीति ने पुलिस में यौन हिंसा की शिकायत दर्ज कराई थी। सर्वाधिक हल्ला-गुल्ला तब मचा था जब टीवी एंकर/अभिनेत्री/माॅडल प्रीति जैने ने निर्माता-निर्देशक मधुकर भंडारकर पर बलात्कार की शिकायत पुलिस में दर्ज कराई थी। इसके अलावा छेड़छाड़ और दैहिक सुख की मांग के आरोप तो सोनाली बेन्द्रे, ममता कुलकर्णी, सुष्मिता सेन, मनीषा कोइराला, महिमा चैधरी, युक्तामुखी सहित पाॅप गायिक अलीशा चिनाय तक ने लगाये थे। गायक अंकित तिवारी के खिलाफ भी बलात्कार की शिकायत पुलिस में दर्ज है। और तो और सोनू निगम जैसे गायक ने अपने यौन शोषण के प्रयास का स्वयं खुलासा किया था। फिल्मी दुनिया में दैहिक आनंद और शोषण के किस्से आम हैं।
एजेन्ट आॅफ इश्क
अभी-अभी गुजरे ‘वेलेंटाइन डे’ के दिन मुंबई के रूइया काॅलेज में ‘एजेन्ट आॅफ इश्क’ वीडियों को युवाओं ने मजे लेकर देखा। यह वीडियो मंुबई के पारोदेवी पिक्चर्स का है, इसमें काम-कला-शिक्षा पर डिजिटल दृश्य हैं। मशहूर ‘कंडोम मुन्ना’ का गाना भी है। चुंबन, अंतरंग संबंधों से लेकर सेक्स की तमाम बारीकियों पर चर्चा की गई है। यह ट्विटर पर भी चर्चित रहा है। हालांकि इसे ‘रोज डे’ का वीडियों कहा गया। इस वीडियों की निर्मात पारोदेवी के मुताबिक, ‘यह एक नार्मल सेक्स के बारे शिक्षित करने का प्रयास भर है।’
हाॅट एण्ड सेक्सी
आज युवतियां सेक्सी या क्यूट कम्पटीशन में भाग लेने के साथ-साथ शादी-विवाह के बाजार में ‘परफैक्ट वेडिंग मैटीरियल’ की तरह पेश की जा रही हैं। उनमें कपड़े, जेवरात, फैशन, मेकअप के साथ हाॅट एण्ड सेक्सी के लेबल के प्रति ललक पैदा की जा रही है। इसमें सबसे गरम भूमिका सोशल मीडिया निभा रहा है।
रोमांस को तरसते शादीशुदा
लखनऊ। देश में एक-चैथाई शादीशुदा दंपति एकांत में वक्त गुजारने को तरस रहे हैं। परिवार में इनके पास अपना अलग कमरा तक नहीं है। दूरदराज की बात तो छोडि़ये। लखनऊ में ही 20 फीसदी दंपति ऐसे हैं जिसके पास अपना अलग कमरा नहीं है। आवासीय स्थिति तथा सुख-सुविधाआंे के बारे में नेशनल सेम्पल सर्वे आर्गनाइजेशन यानी एनएसएसओ की रिपोर्ट के मुताबिक शहरी और ग्रामीण क्षेत्र में 75 फीसदी शादीशुदा दंपतियों के पास ही अपना कमरा है। रिपोर्ट के मुताबिक दंपतियों के लिए अलग कमरे की उपलब्धता परिवार के जीवन स्तर में बढ़ोतरी से जुड़ी हुई है।
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