Wednesday, August 29, 2018

शिवपाल का सेक्युलर मोर्चा भी उन्नीस की दौड़ में शामिल

लखनऊ | समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता ने काफी पहले समाजवादी सेक्युलर मोर्चा बनाया था तभी से कयास लगाए जा रहे थे कि वे लोकसभा चुनाव में इसी मोर्चे से अपनी नई पारी की शुरुआत करेंगे | शिवपाल ने बुधवार को कहा कि हमारा समाजवादी सेक्युलर मोर्चा काम कर रहा है। जो लोग समाजवादी पार्टी में उपेक्षित थे, इधर-उधर घूम रहे थे, जिन्हें कहीं सम्मान नहीं मिल रहा था, हमने उन्हें इकठ्ठा करके सम्मान दिया है। आपसी निर्णय के बाद ही लोकसभा चुनाव में उतरेंगे। गौतलब है कि बीते दो सालों से चाचा-भतीजा एपीसोड में कई मोड़ आ चुके हैं , कभी लगा सब ठीक हो गया फिर उन्हें अलग-थलग देखा गया | उन्होंने अपनी पीड़ा जाहिर करते हुए कहा कि मुझे जब-जब बुलाया गया, मैं गया। जब नहीं बुलाया जा रहा तो नहीं जा रहा। अखिलेश की साइकिल रैली या किसी कार्यक्रम की जानकारी मुझे नहीं है। पार्टी में मुझे कोई सूचना नहीं दी जाती। पार्टी बैठक का कोई निमंत्रण नहीं दिया जाता। मेरे बारे में अफवाहें बहुत हैं अभी कहाँ जाना है, किसके साथ जाना है यह आगे पता चलेगा | शिवपाल से जब पूंछा गया कि कल ही अमर सिंह आपको छोडकर सपा नेताओं खासकर अखिलेश,आज़म और मुलायम पर हमलावर थे, यहाँ तक समाजवादी की जगह नमाजवादी पार्टी कह डाला और आज आप अपने सेक्युलर मोर्चे की बात कर रहे हैं , कहीं कोई भाजपा में जाने का रास्ता तो नहीं तैयार हो रहा ? जवाब में शिवपाल ने कहा, नहीं मैंने उन्हें मना कर दिया था | हाँ, मै कैबिनेट मंत्री ओम प्रकाश राजभर से जरूर मिला था | मुलायम सिंह के लिए उन्होंने कहा, वे सम्माननीय हैं और हमारे नेता हैं | अखिलेश यादव से शिवपाल के सेक्युलर मोर्चे के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, ‘‘उत्तर प्रदेश और देश का चुनाव जैसे-जैसे नजदीक आएगा, ऐसी कई चीजें देखने को मिलेंगी। इसमें कोई शक नहीं है कि इसमें भाजपा का ही हाथ होगा । भाजपा मुद्दों से ध्यान हटाने में माहिर है | मैं नाराज हूँ कहां चला जाऊं |

Friday, August 17, 2018

भारतीय राजनीति में अटल जी को सदैव याद किया जाएगा

भारतीय राजनीति में अटल जी को सदैव याद किया जाएगा

अटलजी पंचतत्व में विलीन

अटलजी पंचतत्व में विलीन

2019 का प्रदूषण फैलाने वाले हो गये गूंगे !

जल के जलजले के पांच दिन अभी और जारी रहने की है भविष्यवाणी लखनऊ | राजधानी में पिछले एक हफ्ते से लगातार हुई बारिश ने हजारों घर-परिवार बर्बाद कर दिए , सैकड़ों बेघर हो गये और हजारों बेघर होने के इन्तजार में हैं | गली-गली नहरें तो सड़कें नदियों में तब्दील हो गईं ,लाखों लोगों के घरों में पानी घुस गया बहुमंजिली इमारतों से लेकर सरकारी दफ्तरों की छतें टपकने लगी हैं | इससे हलकान लोग घरों में कैद हो कर पानी निकालने के कामपर लग गये हैं | अस्पतालों तक में नये तालाब दिखाई दिए जिससे बचने की राह तलाशने में खौफजदा हैं मरीज | गड्ढा मुक्त सड़कों पर सिर्फ गड्ढे रह गये हैं | खुले मेनहोलों ने आदमी-जानवर किसी को नहीं बख्शा | बिजली उपकेंद्रों में पानी भर गया जिससे शहर के तमाम इलाके अभी भी अंधेरे में हैं | इस्माइलगंज और फैजुल्ला गंज के हालात बेहद खराब हैं, वहां अभी भी जलभराव से लोग परेशान हैं, विधायक नीरज वोरा ने केवल बातों के बतासे बांट कर ढाढ़स बंधने की कोशिश जरूर की | शहीद पथ और बंधा रोड धंसने की तैयारी में है, आधे से अधिक शहर की सड़कें खतरनाक हो गई हैं | कचरे-कूड़े के ढेर और गंदगी से राजधानी के भीतरी इलाके बजबजा रहे हैं जिससे बीमारी फैलने का भय बढ़ गया है | चौक और अमीनाबाद जैसे बाजारों की दुकानों तक में पानी घुस गया जिससे कारोबार बंद सा पड़ गया है | दुकानदारों व व्यापारी नेताओं की माने तो अब तक 6-7 अरब का नुकसान लखनऊ के कारोबारियों को हो गया है | बावजूद इसके जिम्मेदारों के कां पर जूं नहीं रेंगी | मेयर, मंत्री नाराजगी जाहिर करने से लेकर जांच कराने का ढोंग कर रहे हैं ? नगर आयुक्त का कहना है कि बारिश अधिक हो गई जिससे हालात ऐसे हो गये फिलहाल समुचित व्यवस्था की जा रही है | वहीं नगर निगम के पार्षद नाला सफाई में बगैर काम के ठेकेदार को भुगतान होने का आरोप लगा रहे हैं | मजे की बात है कि भाजपा के बडबोले बयानबाज इन हालातों पर गूंगे हो गये हैं ? उससे भी हैरतनाक बात है कि कहीं भी भाजपा के पार्षद, विधायक, सांसद, मंत्री और बूथ स्तर तक के कार्यकर्ताओं का पता नहीं जबकि 2019 का गणित पढ़ने-पढ़ाने का प्रदूषण समूचे देश में फैलाने में सबसे आगे दिख रहे हैं ? कुल मिला कर बारिश के पहले इम्तहान में राजधानी का प्रशासन पूरी तरह नाकारा साबित हुआ है | साढ़े नौ हजार करोड़ रुपयों से अधिक लागत वाले आगरा एक्सप्रेसवे पर खाइयों का नया निर्माण हो गया है, जिसमें कई कारों को पनाह मिली और उनमे सवार लोगों को अस्पतालों में | इससे भी आगे गाजियाबाद की नई बनी एलीवेटेड सड़क जिस पर प्रधानमंत्री ने कैराना उपचुनाव के दौरान कई किलोमीटर तक रोड शो किया था, एक बड़ी नहर में बदल गई जिस पर कारें, जानवर, आदमी एक साथ तैर कर अपनी मंजिलें तय करते नजर आये | पूर्वांचल में बलिया से बनारस, गोरखपुर से गाजीपुर, इलाहबाद से फैजाबाद, गोंडा से जौनपुर सभी पानी प्रलय से पीड़ित हैं |पश्चिम में आगरा से मेरठ, मथुरा, मुजाफ्फर नगर, सहारनपुर पानी-पानी गोया पूरा सूबा बर्षा के प्रकोप का शिकार है | यही नहीं कश्मीर से केरल, गुजरात से गुडगांव, मुजफ्फरपुर से मुंबई, लखनऊ से लालगंज में लोगों पर पानी का कहर जारी है | सारे सूबे में दर्जनों पेड़ गिर गये, जगह-जगह सड़कें धंस गई | रेलवे स्टेशन, बस स्टेशनों में पानी भर गया लोगबाग रोडवेज की बसों में छाता लगाकर सफर कर रहे हैं | बच्चे नाव से स्कूल जा रहे तो बड़े तैर कर अपने काम पर | अकेले उत्तर प्रदेश में एक सैकड़ा से अधिक जाने जाने का और हजारों के घायल होने का आंकडा, सैकड़ों लापता लोगों के साथ भयावह तस्वीर पेश कर रहा है | वहीं देश में बरसात के पानी के जलभराव और बाढ़ से हजारों मौतें हो चुकी हैं | देश की सभी नदियां खतरे के निशान पर या उससे ऊपर बह रही हैं | गंगा, यमुना, घाघरा की प्रचंडता चारो ओर हरहरा रही है | लोगों को पीने का शुद्ध पानी तक नहीं नसीब हो पा रहा है | हर टीवी न्यूज चैनल जल प्रलय की खबरें प्रमुखता से दिखा रहा है, यहां तक जो भाजपा के अंध समर्थक न्यूज चैनल बताये जाते हैं वे भी प्रमुखता से जल के जलजले और उससे होने वाले नुकसान की खबरें लगातार दिखा रहे हैं | मगर मजाल है कि भाजपा की मोदी,योगी या वसुंधरा-फडनवीस की सरकार की आवाज सुनाई दी हो | मानो समूची सरकार गूंगी हो गई हो ! हां, 40 लाख घुसपैठियों को लेकर जन्नतनशीं राजीव गांधी को गरियाने से लेकर ममता बनर्जी को गुस्सा दिलाने के साथ कांग्रेस को ही नहीं समूचे विपक्ष को देशद्रोही साबित करने के शर्मनाक बयान जोरशोर से जारी हो रहे हैं ? यहां गौर करने लायक है कि विपक्ष बयान जारी करके अपना विरोध भर जता कर सो रहा है उसे भी पीड़ित आदमी से कोई हमदर्दी नहीं बस उसका वोट चाहिए !

अटलजी नहीं रहे , देश रो रहा

नईदिल्ली | पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का स्वर्गवास हो गया है | अभी-अभी एम्स ने आधिकारिक रूप से उनकी मृत्यु की पुष्टि की है | वे 93 वर्ष के थे , पिछले काफी समय से बेहद नाजुक स्वास्थ्य के चलते एम्स में भर्ती थे ओर पिछले 36 घंटों से उन्हें लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर रखा गया था | इस बीच डाक्टरों ने उनके स्वास्थ में कोई सुधार न होने पर जी तोड़ प्रयास किये लेकिन उन्हें बचा नहीं सके जिसके लिए डाक्टरों ने दुःख व्यक्त किया | उनके परिजनों के साथ देश के सभी बड़े नेता एम्स में मौजूद हैं | देश का हर शख्स आँख में आंसू लिए उन्हें श्रद्धांजलि देने को आतुर है | अटल बिहारी जी का अंतिम संस्कार राजघाट से थोड़ा आगे राष्ट्रीय स्मृति में होगा वहां युद्ध स्तर पर साफ़-सफाई के साथ पेड़ आदि काटे जा रहे है, पूरा क्षेत्र सुरक्षा बलों ने अपने घेरे में ले लिया है | उनका अंतिम संस्कार कल होगा | ख़बरों के मुताबिक़ भाजपा के नेताओं में गृह मंत्री राज नाथ सिंह, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, वसुंधरा राजे,मनोहरलाल खट्टर और उनके परिजन अस्पताल में मौजूद हैं | अटलजी का पार्थिव शरीर उनके कृष्णा मेनन स्थित घर ले जाने की तैयारियां चल रहीं हैं | कल उनका पार्थिव शरीर जनता के दर्शनार्थ भाजपा मुख्यालय में रखा जाएगा | प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि एक युग का अंत हो गया | भाजपा नेता मुरली मनोहर जोशी ने कहा यह दुखद घटना के साथ उनकी अपनी निजी क्षति है | अस्पताल में नेताओं का पहुंचना जारी है | बताते चलें आज सुबह कांग्रेस नेता राहुल गांधी भी अटलजी को देखने आये थे और बहुत देर तक रहे थे |

अटलजी जब अपने कार्यकर्ता के घर पहुंचे

लखनऊ | अटलजी लखनऊ से सिर्फ सांसद ही नहीं थे वे यहाँ की मिट्टी से जुड़े थे , उन्हें भाजपा कार्यकर्ता के ही नहीं बल्कि उन सभी के नाम तक याद रहते थे जो उनसे एक-दो बार भी मिला हो | वे लखनऊ में सांसदी का चुनाव अपने कार्यकर्ताओं के कंधों पर छोड़ दिया करते थे | उनके एक कार्यकर्ता थे देवेन्द्र त्रिपाठी जिन पर अटलजी का काफी स्नेह था | देवेन्द्र का घरेलू नाम छुन्नी था , अक्सर अटलजी उन्हें इसी नाम से संबोधित करते थे | उन्हीं के आशीर्वाद से देवेन्द्र महात्मा गांधी वार्ड से एक बार सभासद भी रहे थे | देवेन्द्र के सम्बन्ध लालजी टंडन से भी प्रगाढ़ थे | बतादें देवेन्द्र हुसैनगंज स्तिथ त्रिपाठी मिष्ठान भण्डार के छोटे मालिक भी थे और अटलजी उनकी दुकान की मिठाई के शौक़ीन थे | वे जब भी लखनऊ आते तो देवेन्द्र उनके आस-पास ही दीखते और उन्हें अपनी दुकान की मिठाई खिलाना नहीं भूलते | देवेन्द्र युवावस्था में ही कई गंभीर बीमारियों से पीड़ित हो असमय काल के गाल में समा गये | यह खबर अटलजी को देर से लगी | जब वे लखनऊ आये और उन्होंने देवेन्द्र को अपने स्वागत में जुटी भीड़ की अगली पंक्ति में नहीं देखा तो किसी कार्यकर्ता से उनके बारे में पूंछा, कार्यकर्ता और टंडनजी जो वहां मौजूद थे, ने बताया कि देवेन्द्र का लम्बी बीमारी के बाद स्वर्गवास हो गया | अटल जी ने उसी समय सारे कार्यक्रम रद्द कर दिए और प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का काफिला हुसैनगंज त्रिपाठी मिष्ठान जा पहुंचा | दुकान के ऊपरी हिस्से में ही देवेन्द्र का निवास था, वे उनकी पत्नी, बच्चों, बड़े भाई को सांत्वना देने के साथ देर तक रहे | इस सारे समय मीडिया के तामझाम का दूर-दूर तक पता नहीं था | यही उनके व्यक्तित्व की विशेषता है जो उन्हें आज भी अटल बनाये है |

युग पुरुष अटल बिहारी वाजपेयी का जीवन वृत

अटल बिहारी वाजपेयी का जन्म 25 दिसम्बर 1924 को ग्वालियर में हुआ| उनके पिता का नाम कृष्णा बिहारी वाजपेयी और माता का नाम कृष्णा देवी था| उनके पिता कृष्णा बिहारी वाजपेयी अपने गाव के महान कवी और एक स्कूलमास्टर थे| अटल बिहारी वाजपेयी जी ने ग्वालियर के बारा गोरखी के गोरखी ग्राम की गवर्नमेंट हायरसेकण्ड्री स्कूल से शिक्षा ग्रहण की थी| बाद में वे शिक्षा प्राप्त करने ग्वालियर विक्टोरिया कॉलेज जो कि वर्तमान में (लक्ष्मी बाई कॉलेज) गये और हिंदी, इंग्लिश और संस्कृत में डिस्टिंक्शन से पास हुए| उन्होंने कानपूर के दयानंद एंग्लो-वैदिक कॉलेज से पोलिटिकल साइंस में अपना पोस्ट ग्रेजुएशन एम.ए में पूरा किया| इसके लिये उन्हें फर्स्ट क्लास डिग्री से भी सम्मानित किया गया था| ग्वालियर के आर्य कुमार सभा से उन्होंने राजनैतिक काम करना शुरू किये, वे उस समय आर्य समाज की युवा शक्ति माने जाते थे, और 1944 में वे उसके जनरल सेक्रेटरी भी बने| 1939 में एक स्वयंसेवक की तरह वे राष्ट्रिय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) में शामिल हो गये| और वहा बाबासाहेब आप्टे से प्रभावित होकर, उन्होंने 1940-44 के दर्मियान आरएसएस प्रशिक्षण कैंप में प्रशिक्षण लिया और 1947 में आरएसएस के फुल टाइम वर्कर बन गये| विभाजन के बीज फैलने की वजह से उन्होंने लॉ की पढाई बीच में ही छोड़ दी| और प्रचारक के रूप में उन्हें उत्तर प्रदेश भेजा गया, और जल्द ही वे दीनदयाल उपाध्याय के साथ राष्ट्रधर्म (हिंदी मासिक ), पंचजन्य (हिंदी साप्ताहिक) और दैनिक स्वदेश और वीर अर्जुन जैसे अखबारों के लिये काम करने लगे| वाजपेयी अजीवन अविवाहित रहे| अटल बिहारी वाजपेयी भारत के 10 वे पूर्व प्रधानमंत्री है| वे पहले 1996 में 13 दिन तक और फिर 1998 से 2004 तक भारत के प्रधानमंत्री बने रहे| वे भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नेता है, भारतीय राष्ट्रिय कांग्रेस रहित भारत की पांच साल तक सेवा करने वाले वे पहले प्रधानमंत्री थे| लोकसभा चुनावो में वाजपेयी जी ने नौ बार जीत हासिल की है| जब उन्होंने स्वास्थ समस्या के चलते राजनीती से सन्यास ले लिया था| तब उन्होंने 2009 तक लखनऊ, उत्तर प्रदेश के संसद भवन की सदस्य बनकर भी सेवा की है| वाजपेयी भारतीय जन संघ के संस्थापक सदस्य भी है| वाजपेयी जी में भारतीय जन संघ का संचालन भी किया है| मोरारजी देसाई के कैबिनेट में वे एक्सटर्नल अफेयर (बाहरी घटना / विवाद) मंत्री भी रह चुके है| जिस समय जनता सरकार पूरी तरह से ध्वस्त हो चुकी थी| उस समय वाजपेयी जी ने जन संघ को भारतीय जनता पार्टी के नाम से 1980 में पुनर्स्थापित किया और पूरा जीवन उसी के लिये समर्पीत किया| 25 दिसम्बर 2014 को राष्ट्रपति कार्यालय में अटल बिहारी वाजपेयी जी को भारत का सर्वोच्च पुरस्कार “भारत रत्न” दिया गया (घोषणा की गयी थी)| उन्हें सम्मान देते हुए भारत के राष्ट्रपति खुद 27 मार्च 2015 को उनके घर में उन्हें वह पुरस्कार देने गये थे| उनका जन्मदिन 25 दिसम्बर “गुड गवर्नेंस डे” के रूप में मनाया जाता है| अटल बिहारी वाजपेयी का निजी जीवन वाजपेयी ने एक लड़की नमिता को दत्तक पुत्री के रूप में गोद ले रखा है| नमिता को भारतीय डांस और म्यूजिक में काफी रूचि है| नमिता को प्रकृति से भी काफी लगाव है, और वे हमेशा हिमाचल प्रदेश के मनाली में छुट्टिया मनाने जाती ही है| नमिता के पति का नाम रंजन भट्टाचार्य है | वाजपेयी कविताओ के बारे में कहते है “मेरी कविताये मतलब युद्ध की घोषणा करने जैसी है, जिसमे हारने का कोई डर न हो| मेरी कविताओ में सैनिक को हार का डर नही बल्कि जीत की चाह होगी| मेरी कविताओ में डर की आवाज नही बल्कि जीत की गूंज होगी|” अटल बिहारी वाजपेयी के अवार्ड 1992 : पद्म विभूषण 1993 : डी.लिट (डॉक्टरेट इन लिटरेचर), कानपूर यूनिवर्सिटी 1994 : लोकमान्य तिलक पुरस्कार 1994 : बेस्ट संसद व्यक्ति का पुरस्कार 1994 : भारत रत्न पंडित गोविन्द वल्लभ पन्त अवार्ड 2015 : भारत रत्न 2015 : लिबरेशन वॉर अवार्ड (बांग्लादेश मुक्तिजुद्धो संमनोना) अटल बिहारी वाजपेयी सरकार के अन्य प्रमुख कार्य 11 और 13 मई 1998 को पोखरण में पाँच भूमिगत परमाणु परीक्षण विस्फोट करके अटल बिहारी वाजपेयी जी ने भारत को परमाणु शक्ति संपन्न देश घोषित कर दिया| 19 फ़रवरी 1999 को पाकिस्तान से अच्छे संबंधों में सुधार की पहल करतें हुए सदा-ए-सरहद नाम से दिल्ली से लाहौर तक बस की सेवा शुरू की गई| स्वर्णिम चतुर्भुज परियोजना कावेरी जल विवाद को सुलझाया, जो 100 साल से भी ज्यादा पुराना विवाद था| संरचनात्मक ढाँचे के लिये बड़ा कार्यदल, विद्युतीकरण में प्रगति लाने के लिये केन्द्रीय विद्युत नियामक आयोग, सॉफ्टवेयर विकास के लिये सूचना एवं प्रौद्योगिकी कार्यदल, आदि का गठन किया| देश के सभी हवाई अड्डों एवं राष्ट्रीय राजमार्गों का विकास किया; कोकण रेलवे तथा नई टेलीकॉम नीति की शुरुआत करके बुनियादी संरचनात्मक ढाँचे को मजबूत करने जैसे कदम उठाये| आर्थिक सलाह समिति, व्यापार एवं उद्योग समिति, राष्ट्रीय सुरक्षा समिति, भी गठित कीं| जिस वजह से काफी जल्दी काम होने लगे| अर्बन सीलिंग एक्ट समाप्त करके आवास निर्माण को प्रोत्साहन दिया| उन्होंने बीमा योजना की भी शुरवात की जिस वजह से ग्रामीण रोजगार सृजन एवं विदेशों में बसे भारतीय मूल के लोगोंको (NRI) काफी फायदा हुआ| अटल बिहारी वाजपेयी के पद 1951 : संस्थापक सदस्य, भारतीय जन संघ (BJS) 1957 : दुसरे लोक सभा में नियुक्ती 1957-77 : नेता, भारतीय जन संघ संसदीय पार्टी 1962 : सदस्य, राज्य सभा 1966-67 : अध्यक्ष, गवर्नमेंट आश्वासन समिति 1967 : चौथे लोकसभा चुनाव में पुनर्नियुक्त (दूसरी बार) 1967-70 : अध्यक्ष, पब्लिक अकाउंट समिति 1968-73 : अध्यक्ष, BJS 1971 : 5 वे लोकसभा चुनाव में पुनर्नियुक्त (तीसरी बार) 1977 : 6 वे लोकसभा चुनाव में नियुक्त (चौथी बार) 1977-79 : यूनियन कैबिनेट मिनिस्टर, एक्सटर्नल अफेयर 1977-80 : संस्थापक सदस्य, जनता पार्टी 1980 : 7 वे लोकसभा चुनाव में नियुक्त (पांचवी बार) 1980-86 : अध्यक्ष, भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) 1980-84, 1986 और 1993-96 : नेता, बीजेपी संसदीय पार्टी 1986 : सदस्य, राज्य सभा, सदस्य, जनरल पर्पस समिति 1988-90 : सदस्य, हाउस समिति, सदस्य, व्यापार सलाहकार समिति 1990-91 : अध्यक्ष, याचिका समिति 1991 : 10 वे लोकसभा चुनाव में नियुक्त (छठी बार) 1991-93 : अध्यक्ष, पब्लिक अकाउंट समिति 1993-96 : चेयरमैन, एक्सटर्नल अफेयर समिति, लोकसभा विरोधी नेता 1996 : 11 वे लोक सभा चुनाव में नियुक्त (सातवी बार) 16 May 1966-31 May 1996 : भारत के प्रधानमंत्री 1966-97 : विरोधी नेता, लोकसभा 1997-98 : चेयरमैन, एक्सटर्नल अफेयर समिति 1998 : 12 वे लोकसभा चुनाव में पुनर्नियुक्त (आठवी बार) 1998-99 : भारत के प्रधानमंत्री, एक्सटर्नल अफेयर मंत्री 1999 : 13 वे लोकसभा चुनाव में पुनर्नियुक्त (नौवी बार) 13 Oct. 1999 to 13 May 2004 : भारत के प्रधानमंत्री 2004 : 14 वे लोकसभा चुनाव में पुनर्नियुक्त (10वी बार) अनिल सेठ

अटलजी नहीं रहे , देश रो रहा

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अटलजी जब अपने कार्यकर्ता के घर पहुंचे

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प्रियंका न्यूज़ | युग पुरुष अटल बिहारी वाजपेयी का जीवन वृत

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Tuesday, August 14, 2018

अकेले चले और कारवां बनता चला गया

जज़्बा-ए-जोहद-ए-मुसलसल है बिना-ए-जिंदगी ये गया तो सारा जीने का हुनर ले जाएगा ! पंडित हरिशंकर तिवारी की बात जब भी चलती है तब मेरे जेहन में जमुना प्रसाद राही की उक्त लाइन याद आ जाती है | दुनियां के चलन का दौर हमने भी खूब देखा है | लोगों को अश्क से फर्स पर गिरते देखा है | थोड़ी सी चाहत में जमीर को जाते देखा है | नफा-नुकसान में वायदों के मायने बदलते देखा है, बहुत कुछ देखा अगर नहीं देखा, तो पंडित हरिशंकर तिवारी का कम होता जज्बा | दौर जो भी हो, उम्र जो भी हो, परिस्थितियाँ प्रतिकूल क्यों न हो पर पंडित का जोश हमेशा जवान रहा | यह हुनर ही तिवारी जी को राजनितिक जमात में दुसरे से अलग करती है | पूर्वी उत्तर प्रदेश, बर्चस्व की राजनीती के लिये जाना जाता है पर इधर राजनीती का मिजाज बदला है, लोगों की मनोदशा बदली है पर तिवारी का दबदबा नहीं बदला है | बीते विधानसभा चुनाव में योगी जी का पशीना चिल्लूपार के लिए, पैर से सर चढ़ा था तब भी तिवारी के दम का हवा नहीं निकाल पाये थे अलबत्ता खुंदक में आकर हाते पर पुलिसिया कार्यवाही तो कराये पर हक़ आया तो जलालत जिसकी छाप लोकसभा के उपचुनाव में भी दिखा | आप कहेंगे की बात तिवारी जी के जन्मदिन की है और चरचा राजनीति की करने लगा पर सच तो यह है कि इसके बिना तवारी जी की शख्सियत को उकेरा कैसे जाये ? पंडित हरिशंकर तिवारी के शख्सियत के दो पहलू है एक निपट किसान की जो खेत खलिहान का जायजा लेने में सकुन पाता है या फिर गौशाला में गायों के सहलाने-दुलारने में आनंदित होता है | दूसरा पहलू धाकड़ राजनीति करने की है जो अपने पर आये तो राजनीति में नफा-नुकसान का गणित बना-बिगाड़ दे | राजनीति में ऐसा तेवर कम देखने को मिलते हैं जो हम पूर्वी उत्तर प्रदेश समेत गोरखपुर में अस्सी के दशक से देखते आ रहे हैं | पूर्वी उत्तर प्रदेश की राजनितिक मेह, गोरखपुर है जहाँ 80 के दशक से तिवारी वनाम अन्य के वर्चश्व कायम करने की लड़ाईयां लड़ी गई | अन्य में कुछ का अपना दम था पर कुछ को विरासत में मिला धन-जन की ताकत रही है पर लोगों में तिवारी की अपनी पैठ कहें या राजनितिक हुनर कह लें पीठ दिखाने का मौका नहीं आया | आज भी यहाँ राजनीति में आधिपत्य के दो खंभ हैं एक, जिसने अकेला चला और कारवां बनाया दूसरा वो जिसने आस्था के बहाने बनी जमात में शामिल हो गया | एक, जिसने अकेला दम राजनीति की बाजीगरी को पछाड़ा तो दूसरा संयोग वश तख्त्नाशिं हुआ | एक, बिना तख्त बादशाह है तो दूसरा तख़्त के बाद भी परेशां है | यह जीने का हुनर है या जिगर का दम ? यह तो आप तय करें मेरी तो जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनायें हैं | भारत चतुर्वेदी

2019 का प्रदूषण फैलाने वाले हो गये गूंगे !

जल के जलजले के पांच दिन अभी और जारी रहने की है भविष्यवाणी लखनऊ | राजधानी में पिछले एक हफ्ते से लगातार हुई बारिश ने हजारों घर-परिवार बर्बाद कर दिए , सैकड़ों बेघर हो गये और हजारों बेघर होने के इन्तजार में हैं | गली-गली नहरें तो सड़कें नदियों में तब्दील हो गईं ,लाखों लोगों के घरों में पानी घुस गया बहुमंजिली इमारतों से लेकर सरकारी दफ्तरों की छतें टपकने लगी हैं | इससे हलकान लोग घरों में कैद हो कर पानी निकालने के कामपर लग गये हैं | अस्पतालों तक में नये तालाब दिखाई दिए जिससे बचने की राह तलाशने में खौफजदा हैं मरीज | गड्ढा मुक्त सड़कों पर सिर्फ गड्ढे रह गये हैं | खुले मेनहोलों ने आदमी-जानवर किसी को नहीं बख्शा | बिजली उपकेंद्रों में पानी भर गया जिससे शहर के तमाम इलाके अभी भी अंधेरे में हैं | इस्माइलगंज और फैजुल्ला गंज के हालात बेहद खराब हैं, वहां अभी भी जलभराव से लोग परेशान हैं, विधायक नीरज वोरा ने केवल बातों के बतासे बांट कर ढाढ़स बंधने की कोशिश जरूर की | शहीद पथ और बंधा रोड धंसने की तैयारी में है, आधे से अधिक शहर की सड़कें खतरनाक हो गई हैं | कचरे-कूड़े के ढेर और गंदगी से राजधानी के भीतरी इलाके बजबजा रहे हैं जिससे बीमारी फैलने का भय बढ़ गया है | चौक और अमीनाबाद जैसे बाजारों की दुकानों तक में पानी घुस गया जिससे कारोबार बंद सा पड़ गया है | दुकानदारों व व्यापारी नेताओं की माने तो अब तक 6-7 अरब का नुकसान लखनऊ के कारोबारियों को हो गया है | बावजूद इसके जिम्मेदारों के कां पर जूं नहीं रेंगी | मेयर, मंत्री नाराजगी जाहिर करने से लेकर जांच कराने का ढोंग कर रहे हैं ? नगर आयुक्त का कहना है कि बारिश अधिक हो गई जिससे हालात ऐसे हो गये फिलहाल समुचित व्यवस्था की जा रही है | वहीं नगर निगम के पार्षद नाला सफाई में बगैर काम के ठेकेदार को भुगतान होने का आरोप लगा रहे हैं | मजे की बात है कि भाजपा के बडबोले बयानबाज इन हालातों पर गूंगे हो गये हैं ? उससे भी हैरतनाक बात है कि कहीं भी भाजपा के पार्षद, विधायक, सांसद, मंत्री और बूथ स्तर तक के कार्यकर्ताओं का पता नहीं जबकि 2019 का गणित पढ़ने-पढ़ाने का प्रदूषण समूचे देश में फैलाने में सबसे आगे दिख रहे हैं ? कुल मिला कर बारिश के पहले इम्तहान में राजधानी का प्रशासन पूरी तरह नाकारा साबित हुआ है | साढ़े नौ हजार करोड़ रुपयों से अधिक लागत वाले आगरा एक्सप्रेसवे पर खाइयों का नया निर्माण हो गया है, जिसमें कई कारों को पनाह मिली और उनमे सवार लोगों को अस्पतालों में | इससे भी आगे गाजियाबाद की नई बनी एलीवेटेड सड़क जिस पर प्रधानमंत्री ने कैराना उपचुनाव के दौरान कई किलोमीटर तक रोड शो किया था, एक बड़ी नहर में बदल गई जिस पर कारें, जानवर, आदमी एक साथ तैर कर अपनी मंजिलें तय करते नजर आये | पूर्वांचल में बलिया से बनारस, गोरखपुर से गाजीपुर, इलाहबाद से फैजाबाद, गोंडा से जौनपुर सभी पानी प्रलय से पीड़ित हैं |पश्चिम में आगरा से मेरठ, मथुरा, मुजाफ्फर नगर, सहारनपुर पानी-पानी गोया पूरा सूबा बर्षा के प्रकोप का शिकार है | यही नहीं कश्मीर से केरल, गुजरात से गुडगांव, मुजफ्फरपुर से मुंबई, लखनऊ से लालगंज में लोगों पर पानी का कहर जारी है | सारे सूबे में दर्जनों पेड़ गिर गये, जगह-जगह सड़कें धंस गई | रेलवे स्टेशन, बस स्टेशनों में पानी भर गया लोगबाग रोडवेज की बसों में छाता लगाकर सफर कर रहे हैं | बच्चे नाव से स्कूल जा रहे तो बड़े तैर कर अपने काम पर | अकेले उत्तर प्रदेश में एक सैकड़ा से अधिक जाने जाने का और हजारों के घायल होने का आंकडा, सैकड़ों लापता लोगों के साथ भयावह तस्वीर पेश कर रहा है | वहीं देश में बरसात के पानी के जलभराव और बाढ़ से हजारों मौतें हो चुकी हैं | देश की सभी नदियां खतरे के निशान पर या उससे ऊपर बह रही हैं | गंगा, यमुना, घाघरा की प्रचंडता चारो ओर हरहरा रही है | लोगों को पीने का शुद्ध पानी तक नहीं नसीब हो पा रहा है | हर टीवी न्यूज चैनल जल प्रलय की खबरें प्रमुखता से दिखा रहा है, यहां तक जो भाजपा के अंध समर्थक न्यूज चैनल बताये जाते हैं वे भी प्रमुखता से जल के जलजले और उससे होने वाले नुकसान की खबरें लगातार दिखा रहे हैं | मगर मजाल है कि भाजपा की मोदी,योगी या वसुंधरा-फडनवीस की सरकार की आवाज सुनाई दी हो | मानो समूची सरकार गूंगी हो गई हो ! हां, 40 लाख घुसपैठियों को लेकर जन्नतनशीं राजीव गांधी को गरियाने से लेकर ममता बनर्जी को गुस्सा दिलाने के साथ कांग्रेस को ही नहीं समूचे विपक्ष को देशद्रोही साबित करने के शर्मनाक बयान जोरशोर से जारी हो रहे हैं ? यहां गौर करने लायक है कि विपक्ष बयान जारी करके अपना विरोध भर जता कर सो रहा है उसे भी पीड़ित आदमी से कोई हमदर्दी नहीं बस उसका वोट चाहिए !

अखबार,अंडा,दूध,रोटी हर-हर गंगे

लखनऊ | राजधानी में पिछले 15 दिनों से एक-दो दिन छोड़कर हर सुबह भारी बरसात हो रही है जिससे गली-मोहल्ले, कालोनियां तालाबों, नालों में बसे या उगे दिखाई देने लगे | आदमी से लेकर जानवर तक गीला-गीला हो रहा है | भोर की भारी बरसात में सबसे अधिक तकलीफ में अखबार घर-घर बांटने वाले हाकर, दूध, अंडा, पावरोटी, मक्खन फुटपाथ पर बेचने वाले हैं | ये जमात हर सुबह अलसाई राजधानी के घर-घर में बेनागा ये सभी सामन पहुंचाते हैं | मामूली सी देर हो जाने में किसी का शौचालय इन्तजार में गंदा होने से रह जाता है, तो किसी बच्चे के स्कूल का टिफिन तैयार करने में मम्मियों के फेसबुक/वाट्सअप की गुड मॉर्निंग का नागा हो जाता है | अखबार हाकरों की नई जमात पुराने हाकरों की तरह संजीदा भी नहीं है फिर भी 75 फीसदी हाकर बरसते-गरजते सावन में घर-घर अखबार बाँट रहा है और हादसों के साथ बीमारी का शिकार भी हो रहा है | यही नहीं दैनिक अखबारों की प्रसार संख्या में भी खासी गिरावट आई है | अखबारों के वितरण सेंटरों पर हाकरों के न पहुंचने से अखबार के बंडल प्रेस से भेजे ही नहीं जाते या उनकी संख्या देखकर भेजे जाते हैं | अव्वल तो बारिश का जोर देखकर अखबार की प्रतियां कम छापी जाती हैं | इसी तरह दूध, अंडे, पावरोटी, मक्खन की बिक्री में भी गिरावट दर्ज की जा रही है | फेरीवाले, साइकिल रिक्शेवाले, मजदूर और फुटकर कारोबारियों को सर छुपाने के भी लाले हैं | ये लोग पूरी-पूरी रात जागती आँखों में काट देते हैं और फिर दिन भर रिक्शा खींचते हैं या सर पर बोझ ढोते हैं | हाँ...भरे पेट जवानी सावन के हंसते बादलों की नन्ही-नन्ही बूंदों के बीच लखनउव्वा मरीनड्राइव पर स्मार्ट फोन से सेल्फी खींचकर मौसम के मजे लेने में जरूर मस्त है | अखबार में भी भीगी-भीगी इठलाती यौवनाओं के ही फोटो छाप कर मौसम का हाल बयान किया जाता है | गोया सावन अस्पताल औ हवाईअड्डे की टपकती छतों से होता हुआ बरसाती पानी में तरबतर रोटी के साथ भी कभी हथेली में समाये फोन से सेल्फी खिंचा पायेगा ?