Sunday, August 12, 2012

ग्लोबल फार्मूूले वाला गांधी!

नई दिल्ली। गांधी की सियाह फोटोकाॅपी के स्वराज का सपना रामलीला से जंतर-मंतर होता हुआ लाल किले की प्राचीर पर चढ़ने को बेताब है। यह कोई खमखयाली नहीं है। इसके पीछे देशी ही नहीं विदेशी दिमाग ने भी काफी मशक्कत की है। दरअसल भारतीय जनता पार्टी अपने और अपने समूचे कुनबे राजग के बूते 2014 की चुनावी जंग में फतह नहीं हासिल कर सकती। यह बात राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, उसके सहयोगी संगठन और दुनिया भर में फैले उसके शुभचिंतकों के साथ संघ समर्थक मीडिया व कारपोरेट घराने अब अच्छी तरह समझ चुके हैं।
    इसके अलावा अन्ना टीम के महत्वाकांक्षी सदस्यों के मंसूबे भी परवान चढ़ाने हैं, लिहाजा भाजपा के लिए एक और सहयोगी या भाजपा उसके लिए सहायक हो की योजना को अमल में लाकर अन्ना टीम को चुनावी सियासत में उतार दिया गया।
    गौरतलब है कि अन्ना की समूची टीम में कांग्रेस पार्टी से नाराज लोग अगली कतार में खड़े हैं। हाल ही में सेवानिवृत जनरल वी.के. सिंह भी अन्ना के साथ खड़े हो गये हैं। जगजाहिर है कि वे भी कांग्रेस से खासे नाराज हैं। और कांग्रेस के मुखालिफ माहौल को गरम कर रहे रामदेव जो आजकल अपनी निजी सेना के एक हजार जवानों के घेरे में चल रहे हैं, भी इसी मुहिम का दूसरा चरण भर हैं। हालांकि अमेरिका और ब्रिटेन में भी गैरराजनैतिक संगठनों के आन्दोलनकारी बाकायदा चुनाव मैदान में उतर रहे हैं। पिछले साल वाॅल स्ट्रीट न्यूयार्क पर हुए द्दरना-प्रदर्शन की सुर्खियां शायद ही लोग भूले हों। इसके कार्यकर्ता नाॅथन क्लींमेन और जाॅन थ्राॅटन चुनावी मैदान में उतरने की कसरत कर रहे हैं। इसी तरह लंदन में पिछले साल सेन्ट पाॅल चर्च पर प्रदर्शन करने वाले आन्दोलनकारियों के अगुवा ब्रायन फिलिप्स शहर का उप-चुनाव लड़ रहे हैं और अगले साल होनेवाले चुनावों में अपने उम्मीदवार खड़े करने का मंसूबा बनाए हैं। इससे भी अधिक बातें ब्रिटिश पत्रकार/लेखक जाॅर्ज मांबिट ने अपने काॅलम में लिखी हैं।
    शायद अन्ना और उनकी टीम के लिए उनके पीछे खड़े लोगों को यह ग्लोबल फार्मूला’ सटीक लग रहा हो, लेकिन यहां रामदेव की शक्ल में दूसरा ठाकरे और अन्ना की शक्ल में दूसरा गांद्दी खड़ा कर पाना नामुमकिन है, भले ही वोटों पर जातियों के नाम लिखे हों। सच यह है कि न किसी को व्यवस्था बदलनी है, न भ्रष्टाचार मिटाना है और न ही कालाधन वापस लाना है, यह केवल सत्ता पर कब्जा करने का तमाशा है।

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