लखनऊ। बहूरानी की राजनैतिक जन्मभूमि कन्नौज के गांव बीसापुर तराई में 6 नाबालिंग (4-17 साल के) बच्चे भूख से बेजार इच्छा मृत्यु की मांग कर रहे हैं और युवा ‘टीपू’ सरकार के हाकिम व समाजवादी नेता उनके मुंह में झूठ का काढ़ा जबरन ढकेले दे रहे हैं। जबकि उन बच्चों की ढाई बीघा जमीन दबंगों ने हथिया ली हैं। उन बच्चों के पिता की दुर्घटना बीमा राशि भी मिलनी है, लेकिन राजस्व व पुलिस महकमा उनसे खुलेआम रिश्वत मांग रहा है। कन्नौज की जिलाधिकारी सेल्वा कुमार जे. बच्चों के शिकायती पत्र की जांच और उचित कार्यवाही में व्यस्त हैं। उधर बच्चों को दर-दर भटकने के साथ दुत्कार मिल रही है। इन बच्चों की बेबसी देखकर गांव के लोग अपनी सांसद बहू से बेहद नाराज हैं।
कलम है मेरी माँ का नाम/स्वर है मेरे पिता. अक्षर है मेरा सगा भाई. ख़बरें/समाचार हैं मेरे बेटे -बेटियां. अखबार है मेरा हीरामन. पाठक हैं मेरे नातेदार. और हम हैं पत्रकार. बोलो क्या कहते हो? उठाओगे बहन वेदना की कराहती आवाज़ को? अगर हाँ, तो आगे बढ़कर थाम लो आदमी का हाथ, बना डालो धारदार तलवार. जी हाँ! धारदार तलवार . धारदार तलवार. धारदार तलवार.
Monday, September 17, 2012
बहूरानी भूखे हैं बच्चे
लखनऊ। बहूरानी की राजनैतिक जन्मभूमि कन्नौज के गांव बीसापुर तराई में 6 नाबालिंग (4-17 साल के) बच्चे भूख से बेजार इच्छा मृत्यु की मांग कर रहे हैं और युवा ‘टीपू’ सरकार के हाकिम व समाजवादी नेता उनके मुंह में झूठ का काढ़ा जबरन ढकेले दे रहे हैं। जबकि उन बच्चों की ढाई बीघा जमीन दबंगों ने हथिया ली हैं। उन बच्चों के पिता की दुर्घटना बीमा राशि भी मिलनी है, लेकिन राजस्व व पुलिस महकमा उनसे खुलेआम रिश्वत मांग रहा है। कन्नौज की जिलाधिकारी सेल्वा कुमार जे. बच्चों के शिकायती पत्र की जांच और उचित कार्यवाही में व्यस्त हैं। उधर बच्चों को दर-दर भटकने के साथ दुत्कार मिल रही है। इन बच्चों की बेबसी देखकर गांव के लोग अपनी सांसद बहू से बेहद नाराज हैं।
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