Tuesday, July 5, 2011

किराए पर दो घंटे का सेक्स...

लखनऊ। हादसे होते हैं, तो खबरे छपती हैं। लोग पढ़ते है, भूल जाते हैं। पिछले साल अप्रैल में इंदिरा नगर के कल्याण अपार्टमेंट की सातवीं मंजिल  से आलमबाग की रहने वाली पूनम तिवारी को फंेक दिया गया था, मौके पर ही इसकी मौत हो गई थी। पूनम अपने धर से रोज 10 बजे ब्यूटी पार्लर में नौकरी के लिए निकल जाती थी। हादसे के बाद पूनम ने घरवालों को जिस ब्यूटी पार्लर में नौकरी करना बताया था, वह पुलिस को ढूंढे नहीं मिला। पुलिस पहले एक शांपिंग माल में स्थित ब्यूटी पॉर्लर में गई, फिर उसने लीला सिनेमा हाल के पास तीन-चार ब्यूटी पॉर्लर में पता किया लेकिन किसी ने पूनम के अपने यहां काम करने की पुष्टि नहीं की।
            इस घटना के आरोपी पकड़े गए। पुलिस ने मसाज पार्लरों पर डण्डा चलाया। फिर सब कुछ सामान्य। पूनम को शारीरिक सम्बन्ध बनाने के चलते फंेका गया, बताया गया।
            ऐसी ही एक घटना पिछले साल मई में गोमतीनगर के फन रिपब्लिक मॉल में घटी थी। मेरठ से आई यहां बीबीड़ी में पढ़ रही श्रुति अग्रवाल अपने दोस्त इन्दौर के राजकुमार से रूठी और चौथी मंजिल से कूद गई। दूसरी घटना इसी साल के शुरू में कानपुर में ब्याही शांति आलमबाग के एक मॉल से कूद गई। दोनो युवतियों की मौत मौके पर हो गई।
            ब्यूटी पार्लर में काम करने वाली पूनम को अपने जाल में मोनू ने फैसाया और फिर मसाज पार्लर के नाम पर दूसरा धंधा शुरू करा दिया अक्सर कई लड़कियां बिना कुछ सोचें समझे, कहीं भी काम करना शुरू कर देती हैं। अखबारों में अक्सर इस तरह के विज्ञापन निकलते ही युवतियां आवेदन करने पहुंच जाती हैं। कोई चार साल पहले हजरतगंज में अशोक मार्ग स्थित एक ब्यूटी एंड मसाज पार्लर में ऐसा ही गोरखधंधा पकड़ा गया था। तब खुलासा हुआ था कि इस पार्लर में एक दर्जन युवतियाँ नौकरी कर रही है।
            इससे अलग एक घटना पिछले दिनांे अखबारों में छपी थी। एक युवक जिस मकान में किराये पर रहता था उसकी मकान मालकिन उससे जबरन शारीरिक संबंध बनाती थी। कुछ दिनों बाद अपनी सहेलियों से भी संबंध बनाने को मजबूर करने लगी। युवक परेशान होकर पुलिस की शरण में गया, तब उसकी जान बची। पुलिस भी दैहिक शोषण में शामिल रहती है। दो महीने पहले पीटीएस मेरठ में महिला रंगरूटों से अश्लील डांस जबरिया कराये जाने का खुलासा हुआ था। यह नाच-गाना एक डीआईजी साहब के स्वागत में हुआ था। इसी तरह एक दरोगा जी अपने इलाके के ब्यूटी पार्लरी सेहफ्ता लेकर अपनाफुल बॉडी मसाजकराते थे। इसकी जानकारी एक पत्रकार को हो गई तब जाकर उस महिला की जान छूटी।
            कुल मिलाकर देह व्यापार के नए चलन ने नवाबी शहर का मिजाज बिगाड़ दिया है। कभी लखनऊ में चकलाघरों के नाम पर नक्खास अकबरी गेट का इलाका जाना जाता था। आज पूरे शहर में नई शक्लें अख्तियार कर फैल गया है। इससे निजात पाने के लिए कानून पुलिस, सरकार के इकबाल से अधिक सामाजिक सरोकारों पर नए सिरे से सोंचने की जरूरत है। रिश्तों पर नई सोंच के साथ औरत-मर्द सेक्स को इंज्वाय समझने की जगह अपने अस्तित्व को पहचान कर उससे जुड़े संस्कारों को अपनाएं तभी बदलाव संभव होगा।

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