Tuesday, July 5, 2011

जारी है सियासत और जुर्म का भाईचारा

लखनऊ। सियासत और जुर्म के भाईचारे ने उप्र में एक नई इबारत लिखकर जनतंत्र के चेहरे को जहां दागदार बनाया है, वहीं अपराधियों का हौसला भी बुलन्द हुआ है। पिछले दस सालों में हुए अपराद्दों के आंकड़े इसके गवाह हैं। हाल ही में सैफी हत्याकांड में गिरफ्तार बसपा विद्दायक इंतजार आब्दी उर्फ बॉबी से लेकर समाजवादी फूलन देवी तक सभी सियासी दलों की कथनी करनी का फर्क सामने है। ताजा घटनाक्रम वाराणसी के बेनियाबाग मेंगुलामी छोड़ो-समाज जोड़ोंरैली के जरिये शुरू हुआ। यह रैली यूं तो आठ छोटे क्षेत्रीय दलों के संयुक्त मोर्चे के झंडे के नीचे हुई। इस मोर्चे में भी पीस पार्टी के मो0 अय्यूब हाजिर थे। मोर्च के असली कर्त्ताधर्त्ता पूर्व सांसद और मुख्तार अंसारी के बड़े भाई अफजाल अंसारी हैं। अफजाल की रहनुमाई में कौमी एकता पार्टी का गठन कुछ माह पहले हुआ था।
            गौरतलब है, विधानसभा चुनाव मई, 2012 तक हो जाने है, यही वजही है कि सूबे में बाहुबलियों ने अपने लिए सुरक्षित दलों की तलाश करनी शुरू कर दी है। वहीं अपराध और अपराधियों की छद्म निंदा करने वाले राजनेता भी अपराधियों की खुशामद में लग गए है। राजनीतिक दल सिर्फ उन्हें प्रत्याशी बना रहे हैं, बल्कि उनके कहने पर उनके करीबियों को भी प्रत्याशी बना रहे है। कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी के बनारस में माफिया विधायक अजय राय से सम्मान लेने के बाद कांग्रेस विधान मंडल दल के नेता प्रमोद तिवारी के प्रयास से पार्टी में आएं बस्ती के बाहुबली नेता राणा कृष्ण किंकर सिंह ने कांग्रेस की सोंच उजागर कर दी। इसी प्रकार भारतीय जनता पार्टी ने संतकबीर नगर के शिक्षा माफिया जय चौबे को शामिल कर निष्ठावान कार्यकर्ताओं के सामने समस्या खड़ी कर दी है। जबकि इसी पार्टी से कई बाहुबली रहे सत्ता के गलियारों में है।
            राज्य की बहुजन समाजपार्टी की सरकार को अपराधियों की सरकार कहने वाले मुख्य विपक्षी समाजवादी पार्टी भी पीछे नहीं रही। इसने कवित्री मधुमिता शुक्ला हत्याकांड में जेल काट रहे पार्टी विधायक अमरमणि के पुत्र अमनमणि को महाराजगंज की फरेंदा सीट से प्रत्याशी बनाया है जबकि मुलायम सिंह यादव के मुख्यमंत्री रहते हुए उनके मुख्यसचिव रहे अखंड प्रताप सिंह जिन्हें भ्रष्टाचार के मामले में पद छोड़कर जेल जाना पड़ा था। उनकी बेटी जूही सिंह को लखनऊ पूर्वी से प्रत्याशी बनाया है।
            सपा सरकार में राज्य के एडीजीपी राय उमापति राम की गाड़ियों को ओवरटेक कर सुर्खियों में आए माफिया अभय सिंह को सपा ने फैजाबाद की गोसाईगंज सीट से प्रत्याशी बनाया है। सपा के टिकट पर मिर्जापुर से संसद पहुंचे कुख्यात डकैत ददुआ के भाई बाल कुमार के बाद अब पार्टी ने ददुआ के बेटे बीर सिंह को चित्रकूट से विद्दानसभा पहुंचाने की तैयारी कर ली है। गुंडों की छाती से होकर सत्ता में पहुंची मुख्यमंत्री मायावती ऐसी पहली नेता हैं जो राज्य प्रमुख की कुर्सी पर बैठने के बाद अपने ही दल के सर्वाधिक सांसद, मंत्रियों और विधायकों को जेल पहुंचाने का रिकार्ड रखती है।
            सांसद रमाकांत से लेकर राज्य मंत्री का दर्जा प्राप्त इंतजार आब्दी समेत दर्जन भर से अधिक विधायक इस जमात में शामिल हैं जो हत्त्या, बलात्कार, हत्या का प्रयास आदि मामलों में जेल काट रहे हैं। आश्चर्य यह है कि पिछले लोकसभा 2009 के चुनाव में भारी संख्या में अपराधियों के पराजित होने के बाद भी राजनीतिक दल माफियाओं के पीछे भाग रहे हैं।

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