Wednesday, May 10, 2017

वेटिंग रूम    लघु कथा     राम वरमा
बरेली आते ही जहां वातानुकूलित बोगी में जीवित होने के कई सुबूत एक साथ हलचल मचाने लगे , वहीं मेरे जेहन में गूंजने लगा ‘ बन्नो तेरी अंखियां सुरमेदानी.....’, यानी आँखों के सुरमे वाला शहर, यहीं कहीं बाजार में किसी गोरी का झुमका कभी गिरा था | इन सबसे अलग आलाहजरत का मुकाम और पागलों का मशहूर अस्पताल गोया इन खूबियों के साथ गुजरात के गांधीधाम से बरेली तक थका देने वाली बेहद उबाऊ यात्रा के बाद अपने उत्तर प्रदेश के बड़े से स्टेशन बरेली पर दो घंटे का छोटा सा विराम सुखकारक लगा | बोगी से उतरते ही कुली के साथ पत्नी सहित वातानुकूलित प्रतीक्षालय पहुंचा , जो मरम्मत कार्य के कारण बंद था | कुली की सलाह और पत्नी के इशारे पर दूसरे दर्जे के प्रतीक्षालय आ पहुंचा , कुली ने एक कोने में पड़ी बड़ी सी लकड़ी की कुर्सी के पास सामान जमा दिया और गाड़ी के समय पर आने को बोल कर चला गया | उसके जाते ही एक व्हील चेयर पर छोटे से बगैर हाथ पैर वाले विकलांग को एक कुली लाकर एक कोने में खड़ा कर जाने लगा तभी वो विकलांग जोर से चीखा , ‘समय पर आ जइयो नहीं तो पैसे नहीं दूंगा |‘ कुली बोला,’ चुपचाप यहीं बैठे रहना , गाड़ी आने पर बिठा दूंगा |’ ‘हाँ...वही कह रहा हूं , तुम सब हराम की ढूढ़ते हो मेरे पास मुफ्त का मॉल नहीं है |’
‘अरे बाबा चुप कर आ जाऊंगा |’ कुली झल्ला कर बोला | ‘ मैं भी तो ........! ‘ .कुली उसकी पूरी बात सुने बगैर बाहर निकल गया |’
‘क्या जमाना आ गया पैसा भी लेगा काम भी नहीं करेगा अब इसको क्या बोलूँ जब अपने सगे वाले ही ठेंगा दिखाते हैं ....आह ..मेरे को इसीलिए शादी करनी पड़ रही है कम से कम बीबी मेरे सारे काम तो कर देगी | कौन किसका भाई , कौन किसकी भौजाई ? सब पैसे के यार | भला हो नारायण स्वामी का....उन्होंने मेरी शादी का इंतजाम कर दिया तभी तो गुजरात नारायण स्वामी मंदिर जा रहा हूं , वहां अगले हफ्ते मेरी शादी होनी है |’ 
‘पर बीबी को खिलाओगे क्या ?’ किसी यात्री ने पूँछ लिया |

‘मेरे पास बहुत जायजाद है , पैसा है सब....भाई भतीजे हड़प जाने की फ़िराक में रहते हैं | शादी हो जायेगी तो अपने बच्चे होंगे सब उनका होगा....अबे वो दरवाजा क्यों खोल रहा है हवा आ रही है.... शायद कोई गाड़ी आ गयी थी | चारो तरफ शोर व भाग दौड़ मच गयी | ये फिर चीखा ‘कोई मेरे को भी ले चलो ..कुली भी साला जाने कहाँ  मर गया....अबे चायवाले मुझे ले चल...तभी उसका कुली आ गया ....कहाँ मर गया था अगर मेरी गाड़ी छूट जाती तो साले मेरा ब्याह होना है...सब हरामी मेरी तरह लाचार हो जाते हैं |’ ‘ देख भाई गाली मत देना अभी घंटा भर बाकी है |’कुली बोला | ‘ घंटा.... घंटा बाकी है पैसे तो पूरे लेगा चल अब ले. चल..... उधर क्या अपनी जोरू अम्मा देख रहा है |’ ‘ नहीं....तेरी जोरू देख रहा हूं |’ कुली बोला |’ साला जबान लड़ाता है....तेरी शिकायत करूंगा |’ कुली मुड़ कर बाहर की ओर जाने लगा...ये जोर से चीखा..’ लाचार को सताता है कोई इसको रोको...रो..को.....कहकर रोने लगा...| मेरी गाड़ी भी आ गयी थी कुली मेरा सामान लेकर बाहर निकला हम दोनों भी उसके साथ चल पड़े |

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