कलम है मेरी माँ का नाम/स्वर है मेरे पिता. अक्षर है मेरा सगा भाई. ख़बरें/समाचार हैं मेरे बेटे -बेटियां. अखबार है मेरा हीरामन. पाठक हैं मेरे नातेदार. और हम हैं पत्रकार. बोलो क्या कहते हो? उठाओगे बहन वेदना की कराहती आवाज़ को? अगर हाँ, तो आगे बढ़कर थाम लो आदमी का हाथ, बना डालो धारदार तलवार. जी हाँ! धारदार तलवार . धारदार तलवार. धारदार तलवार.
Sunday, March 24, 2013
प्रियंका हिन्दी पाक्षिक ३ ४ सालो से लखनऊ शहर से छप रही है । देश के सभी शहरों में संवाददाताओ /रिपोर्टर्स की अवश्यकता है । संपर्क ---मोब ..९८ ३ ९ १ ९ १ ९७ ७
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