रसोई में पिंडदान करती हैं महिलाएं !
लखनऊ | रसोई में काम करते हुए बचे हुए सामानों का उपयोग करना
महिलओं की आदत में शुमार किया जाता है | आजकल हर घर में फ्रिज होना आम बात है और उसमें सब्जी से
लेकर हर तरह की खाद्यसामग्री मय पानी के होना भी , महिलाएं आदतन खाना बनाते समय रोटियों के लिए जरूरत से अधिक
आटा भिगो लेती हैं और बच जाने पर उसकी गोल पिंडी बना कर फ्रिज में रख देती हैं | कभी खुला हुआ तो कभी किसी बर्तन में ढक कर रखती हैं | दरअसल दो बार आटा न गूंथना पड़े के आलस की वजह से ऐसा अधिकतर
होता है लेकिन यह सेहत और परिवार दोनों के लिए हानिकारक होता है | कई बार तो दो-तीन दिन बाद आटा खराब हो जाने पर गाय या किसी जानवर को खिला
दिया जाता है या कचरे में फेंक देते हैं | आयुर्वेद के विशेषज्ञों का कहना है कि फ्रिज में रखे हुए
आटे में कुछ देर बाद रासायनिक बदलाव आ जाते हैं जो शरीर को कई तरह के नुकसान
पहुंचाते हैं | वहीं कर्मकांडी
पंडितों के अनुसार आटे की पिंडी केवल मृत पूर्वजों के दान कर्म के लिए ही बनाई
जाती है | दोनों ही नजरिये से फ्रिज
में आटा बचा कर रखना हानिकारक है |ताजे आटे की रोटियां स्वादिष्ट होने के साथ सेहत के लिए भी
ठीक होती हैं | इसलिए स्वास्थ्य के
साथ-साथ अपना और अपने
परिवार का सम्मान भी करिये और अनजाने में रसोई में जीवित लोगों के पिंडदान कर्म से बचिए |
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