बिजुरी अस भौजाई आन्हर
लखनऊ | राजधानी के ५० फीसदी इलाके
बगैर बिजली के रात को अँधेरे में और दिन में बदहवासी में रहने को मजबूर हैं | जहाँ
जब उजाला होता है वहां लो वोल्टेज के साथ एकदम चली जाती है ५ सेकेण्ड में पूरी २२०
करंट के साथ वापस आजाती है | अपनी चपलता से थक कर एकदम गायब हो जाती है | भीषण गर्मी
में पारा ४५-४७ डिग्री का आंकड़ा पार कर
गया , आदमी भुट्टे की तरह भुन रहा है , मरने वालों की संख्या में लगातार इजाफ़ा हो
रहा है | रात में नींद हराम, दिन में चैन | बिजली को लेकर पूरे प्रदेश में हाहाकार
मचा है | दूसरी ओर सरकार और उसके मंत्री आंकड़ों की जुबान में २४ घंटे बिजली दिए
जाने का पहाड़ा सुना रहे हैं | कभी बताते हैं गांवों में रिकार्ड बिजली दी तो कभी
कहते हैं अक्टूबर तक सभी को बिजली देंगे | फिर बयान आता है बिजली चोरी के कारण २४
घंटे बिजली देने में दिक्कत आती है | बिजली चोरों को भाजपा के लोग ही संरक्षण दे
रहे हैं | यही वजह है कि ऊर्जा मंत्री को भाजपा पदाधिकारियों,कार्यकर्ताओं से अपील
करनी पड़ी कि बिजली चोरों की सिफारिश न करें | वहीं वीआइपी इलाकों-जिलों में बिजली
कभी नहीं जाती ? समाजवादी पार्टी ने विधानसभा सत्र के दौरान दोनों सदनों में बिजली
आपूर्ति के मामले को उठाया और सरकार के जवाब से असंतुष्ट होकर वाक आउट किया था |
इसके बाद सरकार के बडबोले बयान आते रहे लेकिन
बिजली की बदइन्तजामी में कोई फर्क नहीं पड़ा | सरकार का कहना है गर्मी के कारण मांग में बढ़ोतरी की वजह से दिक्कत
है व लोकल फाल्ट , रिपेयरिंग ओवरलोड से
अधिक समस्या हो रही है | वहीं पावर कारपोरेशन के एमडी कहते हैं कि अतिरिक्त बिजली
का इंतजाम करके सभी इलाकों को शेड्यूल के अनुसार आपूर्ति करने की कोशिश की जा रही
है , कहीं कोई समस्या नहीं है |
हकीकत में पूरे सूबे में बिजली
किल्लत के आदी लोग अपनी वैकल्पिक व्यवस्था से काम चला रहे हैं या भीषण गर्मी में
बिलबिला रहे हैं | दूर-दराज की छोड़िये राजधानी के बिजलीघरों में मरम्मत के सामान
तक नहीं हैं और अगर है तो घटिया दर्जे का है जिससे उपकरण फुंक जाते हैं , यही हाल
ट्रांसफार्मरों का है उनकी लोड बैलेंसिंग तक नहीं होती जिसका खामियाजा बिजली
उपभोक्ताओं को भुगतना पड़ता है | जहाँ अधिकारी , कर्मचारी लापरवाह हैं वहीं बिजली
चोरों की सीनाजोरी का आलम ये है कि वे पुलिस तक से हाथा-पाई कर रहे हैं | दूसरी ओर
बिजली कंपनियां विद्युत् दरें बढ़ाने की फ़िराक में हैं | ऐसे हालात में पूरी
ईमानदारी से भुगतान करके बिजली जलाने वाले बेहद परेशान हैं | वहीं बिजली
इंजीनियरों का कहना है कि हमें जनप्रतिनिधियों से लेकर जनता तक में किसी का सहयोग
नही मिलता , हमें कई बार बगैर सामान के काम करना पड़ता है और जनाक्रोश का शिकार
होना पड़ता है | चेकिंग के दौरान तो पिटना मामूली सजा है , महिलाएं तक बंधक बना
लेती हैं | वहीं उपभोक्ताओं का कहना है कि बगैर रिश्वत लिए बिजली वाले कोई काम
नहीं करते , इस आरोप की पुष्टि करता है घूसखोरी में जेल जा चुके इंजीनियर की
मलाईदार जगह पर तैनाती और दसियों साल से एक ही जगह जमे कर्मचारी | रमजान के लिए
ख़ास इंतजाम के बड़े-बड़े दावे किये गये थे लेकिन अंधेरे में तरावीह की नमाज अदा की
जा रही है | पूरे सूबे में ८-१० घंटे की अघोषित कटौती जारी है |
बहरहाल जनता को हर साल गर्मियों
में बडबोले बयान सुनने व बिजली की आवाजाही का सामना करना पड़ता है |
गर्मियों में बिजली गुल होने और
अँधेरे से दुखी होकर किसी ने लिखा है----‘ बाऊ आन्हर , माई आन्हर और सगा सब भाई
आन्हर / केके-केके दिया देखाई , बिजुरी अस भौजाई आन्हर |’
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