Tuesday, December 2, 2014

झूठा है महंगाई घटने का शोर


राजकोषीय घाटा चिंता का विषय है। कर्ज बढ़ता जा रहा है। टैक्स-मुद्रा स्फीति मामले में देश की हालत सोंचनीय है। बाजवजूद इसके जिन सवा सौ करोड़ की दुहाई देकर तमाम गुल-गपाड़ा मचाया जा रहा है, उन्हें आंकड़े नहीं सस्ती और सुविधाजनक तरीके से रसोई गैस चाहिए न कि कांग्रेस फार्मूले वाले घुमाव-फिराव वाली सब्सिडी का झांसा। विदेशों से वापस आनेवाले कालेधन से करोड़पति बनने की चाहत के सपने में चन्द भारतीय मगन होंगे लेकिन हकीकत में कालाधन तो फुटपाथ से लेकर महलों तक हर किसी की ख्वाहिशें पूरी करने का साधन है। इंटरनेट, मोबाइल सस्ता होने से अधिक अरहर की दाल के सस्ते होने की जरूरत है। आंकड़ों का झूठ कहता है कि खुदरा महंगाई एक प्रतिशत घटी जबकि अंडा एक पांच-छः रूपए में मिल रहा है, मई से अक्टूबर तक चार रूपए में मिल रहा था। मछली मामूली दर्जें की एक सौ चालीस रू0 किलो बिक रही हैं, मई में 60-80 रूप किलो बिक रही थी। ऐसे ही घी-तेल व अन्य सामानों के भाव हैं। डीजल/पेट्रोल सस्ता होने से ट्रांस्पोर्टरों को फायदा हुआ होगा। लेकिन जन सामान्य तो पहले से भी महंगा सामान खरीदने को मजबूर है। सीजन में आने वाली सब्जियों के भाव भी आम आदमी की रसोई की हालत चिंताजनक बनाए हैं।
अखबारों में छापा जा रहा है कि भारतीय शेयर बाजार में इस साल 15.4 अरब डाॅलर का अब तक निवेश हो चुका है और सेंसेक्स 7,246 अंक मजबूत हुआ है। इसका लाभ आम आदमी को क्या मिला? यह तो कागजी हल्ला है। यही कागजी शेर बैंकों का 41 हजार करोड़ से अधिक दबाये बैठे हैं। मोबाइल फोन के बाजार को 40-42 हजार करोड़ का बताया जा रहा है, इसमें 75-80 फीसदी विदेशी कंपनियों के खाते में है।
गौर से देखा जाय तो ईस्ट इंडिया कं0 के नक्शेकदम पर लूट जारी है। ताजी घटना स्टेट बैंक द्वारा अदाणी समूह को एक अरब डाॅलर का कर्ज दिये जाने की है, जबकि पहले से ही किंग फिशर के पास 7,800 करोड़ की रकम दबी है। जनधन योजना के नाम पर खुलवाये गये आठ करोड़ गरीबों के खातों की रकम अमीरों में बांटी जा रही हैं?ये कैसे अच्छे दिन हैं?
यह महंगाई घटने का कौन सा अर्थशास्त्र देशवासियों को पढ़ाया जा रहा है?
सामग्री नवंबर, 2014 मार्च, 14
का भाव का भाव
अरहर दाल 78-85 75
मसूर दाल 72-75 70
उड़द दाल 100 80
चावल मंसूरी 35 30
चावल बांसमती 80 70
आलू 30-40 20
केला 40-50 30-40
प्याज 20-25 25-30
आटा 23-25 20-22
सरसों तेल 120 100
वनस्पति घी 83 82
देशी घी400-425 360-380
दूध फुलक्रीम 70-80 46-48
(सभी दरें प्रति किलो में)

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