Tuesday, May 10, 2011

अभी और चमकेगा तुलसीपुर

बलरामपुर। जिंदाबाद के नारे, गले में महकते फूलों की माला और पैर छूनेवाले समर्थकों की भीड़ से परे देखनेवाला नेता सिर्फ लोकप्रिय नहीं होता वरन् कर्म की व्यायामशाला में नियम से जोर आजमाइश करने को उतावला रहता है। ऐसा कहने वाले तुलसीपुर, नई बाजार के एक नागरिक ने अपने नगर पंचायत अध्यक्ष की शान में कई कसीदे पढ़ डाले। इस नागरिक विनय सिंह के अनुसार तुलसीपुर पवित्र भूमि है। यहां माता पाटेश्वरी देवी का निवास है, इसलिए चाहकर भी कोई नेता इस नगर के विकास से मंुह नहीं मोड़ सकता। यहां के चेयरमैंन अशोक सोनी उर्फ लल्ला भइया ने पानी, बिजली, सफाई के साथ सड़कों पर विशेष ध्यान दिया। इसके पीछे इस नगर में आनेवाले देशी-विदेशी श्रद्धालुओं की सुविधा उपलब्ध कराने की मंशा रही है। दरअसल देवीपाटन मंदिर में आनेवाले दर्शनार्थी यदि असुविधा महसूस करेंगे तो मातारानी को भी नागवार लगेगा। इसके अलावा माता के निवास पर अच्छा सेवादार हो तो उसे सर्वाशीष मिलता ही है।
    ‘प्रियंका’ ने भावी नगर निकाय चुनाव के चलते सूबे के पिछड़े माने जाने वाले नगर पंचायत क्षेत्रों के तहत राजधानी लखनऊ से लगभग दो सौ किलोमीटर दूर तुलसीपुर क्षेत्र का चुनाव किया। यहां पहले मुलाकाती का नजरिया अपने नगर को सर्वोत्तम बताने का रहा। पन्द्रह वार्डों वाले नगर में इस समय लगभग 19 हजार मतदाता है। आबादी में मुसलमान व बनियों का अनुपात लगभग बराबरी का है। ब्राह्मण, क्षत्रिय, कायस्थ व पिछड़े औसत अनुपात में हैं। किसी भी चुनाव में निर्णायक भूमिका मुस्लिमों व बनियों की ही रहती है। यहां के देवी पाटन मंदिर के महंत नाथ सम्प्रदाय से हैं, जो गोरखपुर के गोरखनाथ मंदिर से जुड़े हैं। गोरखनाथ मंदिर के महंत अवैधनाथ व उनके शिष्य योगी आदित्यनाथ हिन्दू महासभा के प्रबल समर्थक हैं। योगी आदित्यनाथ भाजपा से सांसद हैं। इस दृष्टि से देवीपाटन मंदिर के महंथ की भूमिका प्रभावशाली रहती है। दूसरी ओर बहुबली मुस्लिम नेताओं का भी प्रभाव कम नहीं है।
    नगर पंचायत, अध्यक्ष 2006 के चुनाव में बसपा प्रत्याशी छठे, कांग्रेस सातवें, भाजपा चौथे और सपा तीसरे नंबर पर रहे थे। दूसरे नंबर पर रहे फिरोज खान लगभग 900 वोटों से हारे थे। उस समय 16 हजार के लगभग मतदाता था। विजयी लल्ला भइया को 3600 के लगभग वोट मिले थे। बताने वाले बताते हैं कि उन्हें सभी वर्गों का समर्थन प्राप्त रहा और है। इसी तरह पंचायत सदस्यों में पांच मुस्लिम सम्प्रदाय से ताल्लुक रखते हैं। विकास कार्यों को लेकर इन सभी में तालमेल की तारीफ की जा सकती है। अब जहां नगर पंचायत का मौजूदा कार्यकाल समाप्त होने में सिर्फ छः महीने रह गये हैं, वहीं विकास योजनाओं को पूरा करने की ललक अभी भी इस नेता में बाकी है।
    नगर पंचायत अध्यक्ष अशोक सोनी जिन्हें लोग प्यार से लल्ला भइया पुकारते हैं का कहना है, ‘अभी तो बहुत काम बाकी है। इसी तरह जनसहयोग रहा तो सब होता जाएगा। मुझे 2006 में खाली खजाना, कर्मचारियों का भारी-भरकम बकाया, टूटी नालियों के साथ गढ्ढों से भरी-पुरी सड़कें, खराब पड़े स्ट्रीट लाइट के उपकरण व सूखे हैण्डपम्प विरासत में मिले थे। मैंने लगातार विकास कार्यों को प्राथमिकता दी, नतीजे सबके सामने हैं। आज किसी भी कर्मचारी का कोई बकाया नहीं है। उन्हें लगभग 70 लाख रूपयों का भुगतान किया गया। सेवानिवृत्त कर्मचारियों के लिए भी नियमित पेंशन भुगतान की व्यवस्था की गई है। इसी तरह खराब हैंण्ड पम्पों (इण्डिया मार्का) की मरम्मत करा कर उपयोगी बनाया गया। देशी हैण्डपम्प भी लगाये गये ताकि किसी भी वार्ड में पेयजल की किल्लत न होने पाये। सुदृढ पेयजल व्यवस्था के लिए 13वें वित्त आयोग की धनराशि से पांच हजार लीटर का टैंकर लिया गया। जलापूर्ति में बिजली के लो वोल्टेज को बाधक न बनने देने की गरज से सभी नलकूपों पर आवश्यक क्षमता वाले वोल्टेज स्टेबलाइजर लगवाए। इसी तरह नगर के मुख्य मार्गाें पर सोडियम लाइट की जगह 85 वॉट की सीएफएल फिटिंग लगवाई जा चुकी है।
    नगर के अन्य क्षेत्रों में भी सीएफएल लगाने का प्रयास जारी है। सफाई और कूड़ा उठाने के लिए युद्ध स्तर पर प्रयास किये गये, इसके लिए एक हाईड्रोलिक डाला भी खरीदा गया। सड़कों, नालियों की दशा सुधारने के लिए राज्य वित्त आयोग व पिछड़ा वर्ग अनुदान निधि का उपयोग किया गया। गलियों में इण्टरलाकिंग व सड़कों का निर्माण कराया गया। मच्छरों से बचने के लिए दो नई फॉगिंग मशीने खरीद कर पूरे नगर में फॉगिंग कराई जाती है। आज कम्प्यूटर का युग है, सो नगर पंचायत का अधिकतर कार्य कम्प्यूटर के जरिए होता है, जो बच रहा है उसे भी जल्द ही कम्प्यूटर से जोड़ दिया जाएगा। इसे आप यूं भी कह सकते हैं कि पूरी व्यवस्था पारदर्शी है।
    इस सबके बाद अभी नये नलकूप लगाने हैं, बीस केवीए का जेनरेटर लगाना है। नगर की पूरी सफाई को ठेका प्रणाली से कराना है। नगर के कई क्षेत्रों की सड़कों का चौड़ीकरण, गलियों में इण्टरलाकिंग व पुलिया से बाईपास तक नाले का निर्माण मेरे विकास कार्यों में है। मैंने जो काम किये हैं वो सारा शहर जानता है। सारा काम खुले आसमान के नीचे हैं। आप पूरा नगर स्वयं देख लें।’ चुनाव जून में हांेगे या आगे? के सवाल पर बोले, ‘यह तो सरकार की मंशा पर है। वैसे अभी तक मतदाता सूची ही दुरूस्त नहीं है।’ चुनाव मैदान में दोबारा उतरने के बारे में उनका जवाब था, जनता चाहेगी तो अवश्य चुनाव लड़ेंगे। देखिए मेरे द्वारा किये गये विकास कार्यों के अलावा जनता में मेरी छवि कैसी है, यह तो आप स्वयं देख-घूम कर जान सकते हैं। चुनाव तो आते-जाते रहते हैं, मैं तो जनसेवक हूँ और अपने नगर को भारत के मानचित्र पर चमकता हुआ देखना चाहता हूँ। मातारानी के आशीर्वाद से समूची दुनिया में तुलसीपुर का नाम जाना जाता है, सो माता की सेवा और उसके सेवकों की सेवा भावना व नगर के विकास का संकल्प ही मेरे लिए सर्वोपरि है।’
    नगर क्षेत्र में बहुत कुछ है, बाजार, मंदिर क्षेत्र, रेलवे स्टेशन आदि इसे आगे देखेंगे। पंचायत सदस्यों, नागरिकों का चुनाव के प्रति नजरिया भी परखेंगे। इसके साथ ही मतदाताओं की अपनी क्या आवश्यकताएं हैं व वे अपने नगर के लिए क्या चाहते हैं, भी जानेंगे।

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