Sunday, October 23, 2011

महंगाई वाला धनतेरस

लखनऊ। महंगाई का महिषासुर तमाम पर्वों को रौंदता हुआ अपनी छाती कूटते हुए ठहाके लगाकर लोगों को चिढ़ा रहा है। दीपावली मनाने की तैयारियों में मगन लोगों के लिए बाजार सज गये हैं। सोने-चांदी की कीमतों की बढ़ोत्तरी को देखते हुए नामचीन सर्राफों ने किश्तों में आकर्षक इनामों के साथ कई लुभावनी स्कीमें बाजार में उतार दी है। चांदी की ब्रांडेड ज्वैलरी और एक ग्राम सोने के गहनों की मांग बढ़ने की आशा के साथ ज्वैलर्स के शोरूम सज गए हैं। महज चार महीने पहले अक्षय तृतीया पर्व पर 65 किलो सोना और 300 किलो चांदी लखनऊवालों ने खरीदी थी।
    धनतेरस के बाजार में सोने-चांदी के अलावा कार, मोटरसाइकिल, बर्तन, मोबाइल, होम अप्लाइंसेज का नया और आकर्षक स्टाक चमचमा रहा है। पिछले धनतेरस में 60 करोड़ का 300 किलो सोना, 2 करोड़ की साढ़े 6 कुन्तल चांदी, 17 लाख का हीरे का एक हार, तीन हजार चार पहिया और छः हजार से अधिक दो पहिया वाहन, इनमें 75 लाख की मर्सडीज भी शामिल थी, 15 करोड़ के पटाखे, 11 करोड़ की मिठाइयां, दीया मोमबत्तियां 8 लाख, 3.5 करोड़ के बर्तन बिके थे। इनमें लाखों के मूल्य वाली सोने-चांदी की मूर्तियों के अलावा पांच सौ से लेकर 50 हजार तक के गिफ्ट पैक के साथ 3 से 5 हजार रू0 किलो मिठाई भी खूब बिकी। नहीं बिका तो मिट्टी का दीपक। इसकी अनुमानित बिक्री बताने वाली कोई एसोसिएशन भी नहीं थी। इस समूची बिक्री पर बिक्रीकर की धड़ल्ले से चोरी हुई। सरकारी खजाने में भले ही कर की रकम न जमा हुई हो, लेकिन वाणिज्य कर कर्मचारियों की जेबंे काफी भारी हुई थी। इस बार पहले से ही व्यापारियों के स्टाक का आकलन करने के निर्देश दिये गये हैं। इसके अलावा आन लाइन बाजार 22 सौ करोड़ का और 23 करोड़ एसएमएस भेजे जाने का आंकड़ा भी था।
    इस साल भी सोने-चांदी, वाहनों की तगड़ी खरीदी के अनुमान लगाये जा रहे हैं। बाजार में सोने-चांदी के भाव में भले ही अस्थिरता हो, मगर सिक्कों, मूर्तियों, जेवरों की खरीदी धनतेरस पर बड़े पैमाने पर होगी। नवरात्र के बाजार में 18 करोड़ से ऊपर की खरीद का आंकड़ा सामने आया है। यही हाल दो, चार पहिया वाहनों का भी रहा है। हालांकि इस साल अब तक पेट्रोल की कीमतों में चार बार और सीएनजी में पांच बार और डीजल में दो बार इजाफा हो चुका है। लखनऊ में प्रति लीटर पेट्रोल 75 रू0 में मिल रहा है, ऐसे में पिछले साल का आंकड़ा पार होगा? इस सवाल का जवाब वाहन बाजार ने आकर्षक इनामों, छूट, पैकेज के साथ किस्तों में ब्याजदरों में रियासत व डाउन पेमेन्ट महज दस-बीस हजार के आॅफर दिये हैं।
    32 और 26 रूपए रोज पर गुजारा करने वाले (सरकारी आंकड़ों मे) नये अमीर दीपावली पर क्या और कैसे खरीद पायेंगे, जबकि पराग दूध की कीमतों में तीसरी बार फिर दो रूपये की बढ़ोत्तरी हो चुकी है? फिर भी दीपावली रौशन होगी।

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