Tuesday, May 10, 2011

लोकल कमेटी से लखनऊ नगर निगम तक का सफर

1857 की क्रान्ति के उपरान्त जन सुविधाओं के लिए लोकल कमेटी बनी।
तत्कालीन डिप्टी कलेक्टर कैम्पवेल स्क्वायर कमेटी के पहले चेयरमैन बने।
कमेटी की पहली बैठक छतर मंजिल में हुई।
18 दिसम्बर 1861 में तत्कालीन कमिश्नर ने लोकल कमेटी का नाम बदलकर म्यूनिस्पल कमेटी कर दिया।
1884 मंे म्यूनिस्पल कमेटी का नाम बदलकर म्यूनिस्पल बोर्ड कर दिया गया।
तत्कालीन डिप्टी कलेक्टर एच.डब्ल्यू हैस्टिंग बोर्ड के पहले चेयरमैन हुए।
1916 में एक्ट में संशोधन हुआ। पहली बार निर्वाचित मेयर के रूप में सैय्यद नवीउल्ला ने शपथ ली।
इसके बाद पंडित जगत नारायण, बाबू विश्वम्भर नाथ श्रीवास्तव, चौधरी खलीकुज्जमा, त्रिलोकनाथ भार्गव, नवल किशोर हलवासिया व पृथ्वीनाथ भार्गव शहर के प्रथम नागरिक बने।
1947 में आजादी के बाद जन निर्वाचित व्यवस्था समाप्त कर प्रशासक व्यवस्था लागू हुई।
1948  में आईसीएस अधिकारी भैरवदत्त सनवाल पहले प्रशासक बने। यह व्यवस्था 1958 तक रही।
1959 में राज्य सरकार ने उ.प्र. म्यूनिस्पल एक्ट के स्थान पर उ.प्र. महापालिका अधिनियम पारित किया और इसे नगर महापालिका नाम मिला।
1959 में ही चुनाव का रास्ता खुला।
फरवरी 1960 में पहले नगर प्रमुख के रूप में एडवोकेट राजकुमार श्रीवास्तव ने कुछ सभासदों के साथ शपथ ग्रहण की।
इसी वर्ष सरकार ने नगर प्रमुख का कार्यकाल एक वर्ष तय किया।
ऽ    2 फरवरी 1961 को गिरिराज रस्तोगी, 2 मई 1962 को डॉ. पी.डी. कपूर, 2 मई 1964 को कर्नल वेदरत्न मोहन तथा 2 मई 1965 को ओम नारायण बंसल नगर प्रमुख बने।
ऽ    जुलाई 1968 में नगर महापालिका चुनाव में मदन मोहन सिंह सिद्धू जीते।
ऽ    इसके बाद जुलाई 1969 में बालकराम वैश्य, जुलाई 1970 बेनी प्रसाद हलवासिया व पांच जुलाई 1971 को डॉ. दाऊजी गुप्त मेयर बने। श्री गुप्त तीन बार नगर प्रमुख रहे।
ऽ    जुलाई 1973 से अगस्त 1989 तक नगर महापालिका प्रशासक के हवाले रही।
ऽ    1989 में ही राज्य सरकार ने नगर महापालिका अधिनियम में संशोधन कर नगर प्रमुख का कार्यकाल एक से बढ़ाकर पांच वर्ष कर दिया।
  • 26 अगस्त 1989 को पहली बार डॉ. दाऊजी गुप्ता पांच वर्ष के लिए मेयर बने।
  • बाद में उनके स्थान पर 13 मई 1993 को अखिलेश दस नगर प्रमुख की कुर्सी पर बैठे।
  • 31 मई 1994 को नगर महापालिका को लखनऊ नगर निगम का दर्जा मिला।
  •  इसी वर्ष नगर प्रमुख का चुनाव सीद्दे जनता से कराने की व्यवस्था बनी।
  • एक दिसम्बर 1995 को डॉ. एस.सी.राय ने 9वें नगर प्रमुख के रूप में शपथ ली।
  • एक दिसम्बर 2000 में श्री राय ने 20वें महापौर के रूप में पुनः कुर्सी संभाली।
  • 21वें महापौर के रूप में डॉ0 दिनेश शर्मा नवंबर 2006 में विराजमान हुए।

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